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लोग साथ आते गए और कारंवा बनता गया…

  • सुराजी गांव योजना ग्रामीण क्षेत्रों में महिला जागृति एवं सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर
  • ग्राम मासूल के महिलाओं की मिनी राईस मिल व मल्ट्रीगे्रन मशीन से बढ़ी आमदनी
  • वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, वर्म बीज उत्पादन, सामुदायिक बाड़ी, मत्स्य पालन कर रही महिलाएं

राजनांदगांव 26 अक्टूबर 2021। सुराजी गांव योजना सुदूर वनांचल ग्रामीण क्षेत्रों में महिला जागृति एवं सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर है। स्वसहायता समूह की महिलाओं ने एकता और आत्मविश्वास से स्वावलंबन के लिए कदम आगे बढ़ाएं है। इस संदर्भ में मजरूह सुल्तानपुरी की नज्म प्रासंगिक लगती है – मैं अकेला ही चला था, जानिब – ए- मंजिल मगर, लोग साथ आते गए और कारंवा बनता गया

जिले में स्वसहायता समूह की महिलाओं का कारंवा उन्नति की ओर अग्रसर है। छुरिया विकासखंड के ग्राम मासूल आदर्श गौठान की महिलाएं विभिन्न तरह की गतिविधियों से आर्थिक दृष्टिकोण से मजबूत बन रही हैं। इंदिरा स्वसहायता समूह महिलाओं ने वर्मी कम्पोस्ट निर्माण व वर्म बीज उत्पादन तथा बोरी विक्रय के कार्य से प्राप्त लाभांश राशि से मिनी राईस मिल व मल्ट्रीगे्रन मशीन खरीद ली है। जिससे उनकी आमदनी में बढ़ोत्तरी हुई है। इस मशीन के माध्यम से आटा पीसने, मसाला बनाना, भीगे उड़द की पिसाई एवं दाल के छीलके निकालने का कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने महिला समूहों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गौठान में सभी तरह की गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिए हैं। जिसका सुखद परिणाम यह है कि गौठानों में एक साथ कई तरह की गतिविधियों के संचालन से महिलाओं के आय में वृद्धि हुई है।

गौठान की बाड़ी में मां दुर्गा स्वसहायता समूह द्वारा सामुदायिक बाड़ी में विविध सब्जियां जिमीकंद, कद्दू, लौकी, अदरक एवं मुनगे के पौधे लगाएं गए है। फल एवं सब्जियों की मल्टीलेयर खेती की जा रही है। शीतला स्वसहायता समूह की महिलाएं मत्स्य पालन कर रही हैं। वहीं पूर्णिमा स्वसहायता समूह द्वारा मशरूम उत्पादन का कार्य संचालित है। मासूल गौठान में मुर्गी पालन के लिए शेड का निर्माण भी किया गया है।

By Amitesh Sonkar

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