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संयुक्त खातेदार किसानों को अब नहीं देना पड़ेगा शपथ पत्र
किसान को अब स्व-घोषणा पत्र देना होगा
बेमेतरा 15 जुलाई : फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने कृषि आदान सहायता हेतु राजीव गांधी किसान न्याय योजना के क्रियान्वयन के लिए आज प्रदेश के कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग मंत्रालय महानदी भवन नया रायपुर से संशोधित दिशा निर्देश जारी किये गये हैं। प्रदेश के कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे कल बुधवार 14 जुलाई को क्षेत्र भ्रमण के दौरान जिले के किसानों द्वारा मंत्री जी के संज्ञान मे लाया गया कि संयुक्त खातेदार कृषकों को शपथ पत्र नोटरी से करवाने पर 500 रुपये से 900 रुपये प्रति किसान खर्च हो रहा था। राजीव गांधी किसान न्याय योजना मे किसानों को पंजीयन कराने मे हो रही असुविधा को ध्यान मे रखते हुए, कृषि मंत्री की पहल पर अब किसानों को शपथ पत्र नही देना पड़ेगा। अब शपथ पत्र के स्थान पर स्व-घोषण पत्र देना होगा।
प्रदेश के कृषि विभाग द्वारा जारी परिपत्र के मुताबिक-खरीफ वर्ष 2020-21 मे न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करने वाले पंजीकृत कृषकों को योजना अन्तर्गत पंजीयन नही कराना है, खरीफ की प्रमुख फसल मक्का कोदो कुटकी, सोयाबीन अरहर तथा गन्ना उत्पादक कृषकों को योजना अन्तर्गत पंजीयन कराना होगा। वर्ष 2020-21 मे जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था, यदि वह धान के बदले योजना मे सम्मिलित अन्य फसल लगाता है तो उसे योजना अन्तर्गत पंजीयन कराना होगा। कृषि विभाग द्वारा 29 मई 2021 को जारी दिशा निर्देश मे संयुक्त खातेदार कृषकों का पंजीयन नम्बरदार के नाम से किया जायेगा। इस हेतु संबंधित कृषकों को आवेदन पत्र के साथ समस्त खाताधारकों की सहमति सह-शपथ पत्र तथा अन्य आवश्यक अभिलेख प्रस्तुत करना होगा। आदान सहायता राशि पंजीकृत कृषक (नम्बरदार) के खाते मे अंतरित की जायेगी तथा आदान सहायता राशि का बटवारा आपसी सहमति से किया जायेगा। इस बिन्दु क्रमांक 06 (vi) मे निम्न संशोधन किया जाता है। संयुक्त खातेदार कृषकों का पंजीयन नम्बरदार के नाम से किया जायेगा एवं इस संबंध मे स्व घोषणा पत्र देना होगा। शासन के इस निर्णय से बेमेतरा जिले के एक लाख 86 हजार किसान हैं। जिसमें से जिले मे 35 प्रतिशत किसान संयुक्त खाताधारी है उनका शपथ पत्र के रुप मे प्रति किसान 500 रुपये से 900 रुपयें व्यय हो रहा था। इससे मुक्ति मिल गई है इस तरह बेमेतरा जिले के किसानों का लगभग 5 करोड़ रुपये के व्यय भार से छुटकारा मिल गया हैैै। इस प्रकार राज्य का कई करोड़ रुपये किसानों का बचेगा। शासन के इस निर्णय से जिले किसानों ने प्रदेश के कृषि मंत्री के प्रति हृदय से धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया है।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर बेमेतरा द्वारा 07 जुलाई को कृषि विभाग के मैदानी अमले जिसमें ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी (एसएडीओ), अनुविभागीय कृषि अधिकारी, सहायक संचालक कृषि की बैठक लेकर राजीव गांधी किसाना न्याय योजना के पंजीयन की समीक्षा की गई थी इस दौरान एक ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा संयुक्त खाताधारी किसानों को शपथ पत्र मे नोटरी द्वारा 500 रुपये से 900 रुपये तक के व्यय भार की जानकारी जिलाधीश के समक्ष उनका ध्यान आकर्षित किया था। इस पर कलेक्टर ने राज्य शासन स्तर पर इस समस्या को अवगत कराने की बात कही थी।

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