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राजनांदगांव। शहर के श्री कृष्णा हॉस्पिटल और पारस डायग्नोस्टिक सेंटर मामले की जांच अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। जांच में जुटी स्वास्थ विभाग की टीम ने दोनों पक्ष का बयान ले लिया है। जल्द ही जांच की फाइनल रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर को प्रस्तुत की जाएगी। इसके बाद कलेक्टर रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेंगे।

Health reporter राजनांदगांव: स्वास्थ विभाग के गैर जिम्मेदाराना रवैए की वजह से निजी अस्पतालों की मनमानी हावी, स्मार्ट कार्ड से इलाज के साथ वसूल रहे हजारों रुपए की नकद फीस, शहर के कृष्णा हॉस्पिटल के खिलाफ परिजन ने सीएमएचओ के पास की लिखित शिकायत…

रिपोर्ट में क्या निकलकर आएगा, इस पर अभी संशय की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि स्वास्थ विभाग के अफसर जांच में क्या सामने आया इसकी जानकारी देने से बच रहे है। हो सकता है मामले में संबंधित संस्था को क्लीन चीट दे दिया जाए या फिर छोटी कार्रवाई कर प्रशासन इतिश्री कर ले। क्योंकि इससे पहले भी इस तरह की कई शिकायतें सामने आ चुकी है, लेकिन अभी तक किसी निजी अस्पताल पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। खैर जो भी हो, लेकिन मामला गंभीर है। यदि इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं होती है, तो कई संगठन मामले की शिकायत उच्च कार्यालय में करने की तैयारी में है।

दो अलग-अलग शिकायत की चल रही है जांच

गौरतलब है कि स्मार्ट कार्ड के पैकेज के अलावा अतिरिक्त रुपए वसूलने के मामले में श्री कृष्णा हॉस्पिटल और गलत सोनोग्राफी रिपोर्ट देने के मामले में पारस डायग्नोस्टिक सेंटर खिलाफ शिकायत स्वास्थ विभाग में की गई है। इस मामले की जांच के लिए स्वास्थ विभाग द्वारा तीन सदस्यों के टीम का गठन किया गया था। सीएमएचओ डॉ. एसके बंसोड़ ने कहा कि शिकायत पर जांच चल रही है, दोनों पक्षों का बयान लिया जा चुका है। जल्द ही जांच टीम फाइनल रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

नर्सिंग होम एक्ट का पालन नहीं कर रहे निजी अस्पताल

बता दें कि अस्पताल में सुविधा और व्यवस्था कैसी होनी चाहिए, इसके लिए शासन की ओर से नर्सिंग होम एक्ट बनाया गया है। लेकिन शहर सहित जिलेभर में संचालित अधिकांश निजी अस्पताल नर्सिंग होम एक्ट का पालन नहीं कर रहे है और न ही आयुष्मान योजना की गाइडलाइन को फॉलो किया जा रहा है। इसके बावजूद स्वास्थ विभाग निजी अस्पतालों पर कार्रवाई करने से बचता चला आ रहा है। जिससे निजी अस्पताल प्रबंधन की मनमानी बढ़ गई है।

Health reporter राजनांदगांव: ‘कोमा में स्वास्थ विभाग’… डेढ़ महीने पहले जारी किए गए अपने ही सर्कुलर को फॉलो करवाने में नाकाम रहे अफसर, स्मार्ट कार्ड के तय पैकेज में इलाज करना तो दूर किसी भी निजी अस्पताल ने अब तक नहीं लगाया आयुष्मान योजना का बोर्ड…

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