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एक्स रिपोर्टर न्यूज। राजनांदगांव

बसंतपुर स्थित जिला अस्पताल का इकलौता सिटी स्कैन मशीन हफ्ते भर से बंद पड़ा है। तकनीकी खराबी के चलते मरीजों को जांच सुविधा नहीं मिल पा रही है। ऐसे में मरीजों को बाहर से मंहगे दाम पर जांच करानी पड़ रही है। सीधे कहे तो सरकारी सिटी स्कैन खराब होने से निजी लैब संचालकों की चांदी हो गई है।

मिली जानकारी अनुसार जिला अस्पताल में लगी सिटी स्कैन मशीन करीब 12 वर्ष पुरानी हो चुकी है। मशीन का सलाना मेंटेनेंस कराना जरुरी हो चुका है। समय पर मेंटेनेंस नहीं होने के कारण मशीन बंद पड़ जा रही है। सप्ताह भर से अधिक समय से मशीन खराब है, ऐसे में मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मशीन कब तक सुधर जाएगी, अधिकारी भी इस संबंध में ठीक से जानकारी नहीं दे पा रहे है। मशीन को तत्काल ठीक कराना इसलिए भी जरुरी हो चला है क्योंकि पेंड्री मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मरीजों को भी जिला अस्पताल में ही स्कैन कराने भेजा जाता है।

रोजाना ओपीडी में पहुंच रहे 300 मरीज

अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि मेडिकल कॉलेज के शिफ्ट होने के बावजूद जिला अस्पताल की ओपीडी संख्या घटी नहीं है। वर्तमान में रोजाना लगभग 300 मरीज ओपीडी पहुंच रहे है। इसमें से ज्यादातर एक्सीडेंटल केसेस, सिर में चोट, हड्‌डी रोग के मरीजों को सिटी स्कैन कराने की सलाह दी जाती है। जिला अस्पताल में काफी कम कीमत पर मरीजों को सिटी स्कैन जांच की सुविधा उपलब्ध हो जाती है, जबकि बाहर से जांच कराने पर काफी रुपए खर्च करने पड़ते है।

रेडियोलॉजिस्ट नहीं, सोनोग्राफी भी नहीं हो रही

बता दें कि जिला अस्पताल रेडियोलॉजिस्ट की कमी से भी जूझ रहा है। ऐसे में अस्पताल में आने वाले मरीजों को सोनोग्राफी की भी सुविधा नहीं मिल पा रही है। जबकि जिला अस्पताल परिसर में ही मदर एंड चाइल्ड केयर यूनिट का संचालन किया जा रहा है। प्रबंधनीय अधिकारियों का दावा है कि मदर एंड चाइल्ड केयर यूनिट में महीने में 250 से 300 प्रसव कराए जा रहे हैं। इस स्थिति में सोनोग्राफी की सर्वाधिक आवश्यकता जिला अस्पताल में ही है। सोनोग्राफी बंद होने से गर्भवतियों को भी बाहर से जांच करानी पड़ रही है।

जल्द ठीक होगा मशीन: सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ. केके जैन ने बताया कि तकनीकी खराबी आ जाने के कारण सिटी स्कैन मशीन खराब हो गई है। एक्सपर्ट से बात कर ली गई है। वे आकर जल्द ही मशीन को ठीक कर देंगे। रहा सवाल रेडियोलॉजिस्ट का तो इसके लिए उच्च अधिकारियों से पत्राचार किया गया है।

By Karnkant Shrivastava

B.J.M.C. Chief Editor Mo. No. 9752886730

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