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*गुणवत्ता से समझौता बर्दाश्त नहीं – कलेक्टर, तकनीकी अधिकारियों को मिली सख्त हिदायत*

*कवर्धा में निर्माण कार्य की पारदर्शिता पर उठे सवाल,बोर्ड तक नहीं लगा*

कवर्धा। कलेक्टर गोपाल वर्मा ने शुक्रवार को कबीरधाम जिले के सहसपुर लोहारा विकासखंड के सुदूर वनांचल ग्राम मोतिमपुर का भ्रमण कर वहाँ कृषि उपज मंडी बोर्ड से स्वीकृत सामाजिक भवन निर्माण कार्यों की मौके पर जाकर गहन जांच की। इस अवसर पर उन्होंने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की परख करते हुए तकनीकी टीम को स्पष्ट निर्देश दिए कि गुणवत्ता के साथ कोई भी समझौता स्वीकार्य नहीं किया जाएगा।

कवर्धा शहर में चल रहे एक सार्वजनिक निर्माण कार्य को लेकर सवाल उठने लगे हैं। निर्माण स्थल पर न तो कोई सूचना बोर्ड लगाया गया है, न ही यह बताया गया है कि यह कार्य कब स्वीकृत हुआ, कुल लागत कितनी है और यह कब तक पूर्ण होगा।

ज्ञात हो कि निरीक्षण के दौरान जब कलेक्टर वर्मा ने निर्माणाधीन भवन की दीवार का प्लास्टर स्वयं लोहे की रॉड से खुरच कर देखा, तो उसमें सीमेंट की मात्रा अपेक्षाकृत बेहद कम पाई गई। प्लास्टर बिना किसी विशेष दबाव के उखड़ गया। यह देख कर कलेक्टर ने तत्काल तकनीकी अमले को फटकार लगाई और गहरी नाराजगी प्रकट की। उन्होंने कहा कि निर्माण में लापरवाही या निम्न गुणवत्ता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी निर्माण कार्यों की नियमित निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए और कार्य प्रगति की निरंतर समीक्षा की जाए।

निरीक्षण के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष ईश्वरी साहू भी उपस्थित रहे और उन्होंने निर्माण कार्यों की स्थिति की वस्तुनिष्ठ जानकारी ली। साथ ही अपर कलेक्टर विनय पोयम, सहसपुर लोहारा एसडीएम, जनपद पंचायत सीईओ और कृषि उपज मंडी बोर्ड के तकनीकी अधिकारी भी मौके पर उपस्थित थे।

*कलेक्टर ने एसडीएम और जनपद सीईओ को सौंपा जिम्मा*

कलेक्टर वर्मा ने सहसपुर लोहारा एसडीएम और जनपद पंचायत सीईओ को निर्देशित किया कि वे अपने नियमित क्षेत्रीय भ्रमण में मंडी बोर्ड द्वारा स्वीकृत समस्त निर्माण कार्यों का निरीक्षण अनिवार्य रूप से करें और गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए कार्यों को निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण कराएं।

*कृषि उपज मंडी के 4.58 करोड़ लागत से 63 कार्य स्वीकृत, 28 पूर्ण, 35 कार्य प्रगति पर*

कलेक्टर गोपाल वर्मा ने निरीक्षण के मंडी बोर्ड से स्वीकृत निर्माण कार्य की विस्तार से जानकारी ली और अधिकारियो को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने अवगत कराया कि वर्ष 2024-25 और 2025-26 के लिए कृषि उपज मंडी बोर्ड द्वारा 4 करोड़ 58 लाख 36 हजार रूपए की लागत से कुल 63 निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 28 कार्य पूर्ण हो चुके हैं, जबकि शेष 35 कार्य विभिन्न चरणों में प्रगति पर हैं। इनमें से एक कार्य प्लास्टर स्तर पर है। 6 कार्य स्लैब लेवल पर (1 माह में पूर्ण होने की संभावना) एक कार्य लिंटल लेवल पर 2 माह में पूर्ण होने की संभावना है। 9 कार्य फाउंडेशन/प्लिंथ स्तर पर 3 माह में पूर्ण कर लिया जाएगा। 8 कार्य लेआउट स्तर पर जिसे 4 माह में पूर्ण कर लिया जाएगा। 8 कार्य प्रारंभ नहीं हो पाए है और 2 कार्य ऐसे हैं जिनका कार्यादेश जारी नहीं हुआ है।

*कवर्धा में निर्माण कार्य की पारदर्शिता पर उठे सवाल,बोर्ड तक नहीं लगा*

कवर्धा शहर में चल रहे एक सार्वजनिक निर्माण कार्य को लेकर सवाल उठने लगे हैं। निर्माण स्थल पर न तो कोई सूचना बोर्ड लगाया गया है, न ही यह बताया गया है कि यह कार्य कब स्वीकृत हुआ, कुल लागत कितनी है और यह कब तक पूर्ण होगा।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह काम कई दिनों से चल रहा है, लेकिन न तो वहां निर्माण एजेंसी की जानकारी दी गई है और न ही ठेकेदार का नाम, कार्य प्रारंभ की तिथि या पूर्णता की समय-सीमा। इससे आमजन के बीच भ्रम और असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

निर्माण कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सूचना बोर्ड अनिवार्य होता है, जिसमें कुल राशि, परियोजना का नाम, कार्य आरंभ और पूर्ण होने की तारीख, एजेंसी का नाम और विभागीय स्वीकृति की जानकारी होती है। लेकिन कवर्धा में इस मानक का पूरी तरह से उल्लंघन हो रहा है।

By Rupesh Mahobiya

Bureau Chief kawardha

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