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राजनांदगांव। जिले के डोंगरगढ़ ब्लाक में पदस्थ सहायक शिक्षक ने चार साल पहले पदोन्नति से वंचित होने के बाद अपने हक के लिए लगातार प्रयास करने के बाद भी न्याय नहीं मिलने से क्षुब्ध होकर राज्यपाल को आवेदन देकर ईच्छामृत्यु की मांग रखी है। शिक्षक ने इससे पहले पूरे मामले की शिकायत सीएम हाऊस में भी की है।
ज्ञात हो कि डोंगरगढ़ ब्लाक के बेलगांव स्कूल में पदस्थ विज्ञान के सहायक शिक्षक बिजेंद्र कुमार वर्मा ने पिछले दिनों जिला पंचायत के एक बाबू पर रिश्वत नहीं देने के कारण कागजी षडयंत्र कर पदोन्नति से वंचित कर देने का आरोप लगाया था। इस पूरे मामले का मीडिया में खुलासा होने के बाद उक्त शिक्षक को वर्तमान जिला पंचायत सीईओ ने लगाए आरोप का साक्ष्य प्रस्तुत करने कहा था। शिक्षक संपूर्ण दस्तावेजों के साथ जब जिला पंचायत कार्यालय पहुंचा, तो उसे साक्ष्य मांगने या पूछने के बजाए कहा गया कि आप अब जिला पंचायत के कर्मचारी नहीं हो, अब जो भी होगा शिक्षा विभाग से ही होगा, तो वहीं शिक्षा विभाग में कहा गया कि जिला पंचायत के अधिकारी जब लिखकर देंगे तभी शिक्षा विभाग से इस पर कार्यवाही कर पाएंगे। चार साल से अपने हक के लिए भटक रहे एक शिक्षक को न्यायालय के आदेश के बाद भी न्याय नहीं मिल पाया।

ऐसा है पूरा मामला
शिक्षक बिजेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि जिला पंचायत द्वारा १२ अप्रैल २०१७ को जिले के २०० से अधिक शिक्षकों की पदोन्नति सूची जारी हुई। दावा आपत्ति के बाद जारी सूची में उसका नाम २०वें नंबर पर था, लेकिन ८ अगस्त २०१७ को सामान्य प्रशासन की बैठक में रखी गई सूची में उसका नाम बड़ी चालाकी से काट दिया गया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि पदोन्नति के लिए उनसे जिला पंचायत के एक बाबू ने ५० हजार रुपए की मांग की थी, जिसे नहीं देने के कारण ही सूची से उनका नाम काट दिया गया। तब से शिक्षक अपनी पदोन्नति के लिए जिला पंचायत व शिक्षा विभाग सहित नेताओं के पास जाकर न्याय की गुहार लगा रहा है।

वह जाना ही नहीं चाहता: जिपं सीईओ  

त्रुटि सुधार करते हुए उक्त शिक्षक को पुन: साल्हेवारा में पदोन्नति दी गई, लेकिन वह ज्वाइन नहीं किया। यदि अंतिम तिथि को आदेश प्राप्त हुआ था, तो दूसरे दिन जाकर स्कूल में ज्वाइनिंग दे सकता था, वह जाना ही नहीं चाहता था।
लोकेश कुमार चंद्राकर, सीईओ जिला पंचायत

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