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राजनांदगांव। आपातकालीन कॉल ऑन ड्यूटी टाइम पर अनुपस्थित होने एवं डायरिया पीड़ित युवती के मौत मामले को मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन दबाने में लगी हुई है। यही वजह है कि तीन दिनों में रिपोर्ट पेश करने के आदेश के बावजूद 7 दिनों बाद भी जांच रिपोर्ट नहीं आ पाई है। यह कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कई घटनाएं होती रही लेकिन जांच का हवाला देकर मामले को निपटा दिया गया।
जानकारी अनुसार अंबागढ़ चौकी ब्लॉक के करमतरा निवासी 18 वर्षीय हेमलता पिता हेमलाल सिन्हा को 16 जुलाई को पेट दर्द व उल्टी की शिकायत पर अंबागढ़ चौकी अस्पताल लाया गया था। यहां से रेफर करने पर परिजनों ने रात में पेंड्री मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती करवाया। युवती की हालत बिगड़ रही थी तब जूनियर डॉक्टर ऑन कॉल ड्यूटी डॉक्टर चेतन साहू को कॉल किया लेकिन डॉक्टर चेतन साहू ने कॉल रिसीव नहीं किया। विषम हालात में 17 जुलाई को युवती की मौत हो गई। मामले को लेकर हंगामा हुआ तो मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन ने जांच का हवाला दिया और जांच टीम गठित कर दी। लेकिन अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं आ पाई है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली एक बार फिर संदेह के दायरे में आ चुकी है।

क्लीनिक के नाम पर खोल दिया था अस्पताल

डॉ. चेतन साहू की मनमानी का यह पहला मामला नहीं है इससे पहले भी डॉ. चेतन साहू के कई मामले सुर्खियों में आ चुके हैं। डॉ. साहू ने गवर्नमेंट ड्यूटी में रहते हुए स्वयं का कमर्शियल क्लीनिक सृष्टि कॉलोनी में बना रखा है। हद तो तब हो गई जब डॉक्टर साहू क्लीनिक के आड़ में बेड बिछाकर अस्पताल का संचालन करने लगे। इस मामले की शिकायत तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बंसोड़ से की गई थी लेकिन उन्होंने किसी तरह की कार्रवाई नहीं की। इसके बाद से डॉ. चेतन साहू के हौसले बुलंद होते चले गए। अब देखना यह है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन इस मामले में क्या और किस तरह की कार्रवाई करता है?

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