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सिंगल यूज प्लास्टिक के विलोपन के लिए जन-जागरूकता कार्यक्रम में , कपड़े या जूट के थैले का उपयोग करना चाहिए : श्री रूद्र नारायण सिन्हा

  • प्लास्टिक मुक्त भारत के निर्माण का संदेश बच्चों के माध्मय से समाज तक पहुंचाते हुए संकट से बचाने का प्रयास करना

राजनांदगांव 21 अक्टूबर 2021। आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर क्षेत्रीय कार्यालय छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल भिलाई द्वारा शासकीय महारानी लक्ष्मी बाई आदर्श कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल में सिंगल यूज प्लास्टिक के विलोपन के लिए स्कूली छात्राओं के मध्य पर्यवरणीय जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम को आर्डिनेटर ईको क्लब श्री रूद्र नारायण सिन्हा ने बताया कि प्लास्टिक मुक्त भारत के निर्माण का संदेश बच्चों के माध्मय से समाज तक पहुंचाते हुए संकट से बचाने का प्रयास करना है। हमें कपड़े या जूट के थैले का उपयोग करना चाहिए। रसायनज्ञ श्री शिव प्रसाद द्वारा प्लास्टिक के जलाने से हास्टिक गैसे के माध्यम से मानव स्वास्थ्य पर पडऩे वाले प्रभाव के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक को विलोपिन करते हुए उसके स्थान पर कपड़े, जूट के थैले आदि का उपयोग करना चाहिए। प्रभारी रसायनज्ञ श्री नन्दकुमार पटेल द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक के दुष्प्रभाव के बारे में छात्राओं को बताते हुए कहा कि आमतौर पर देखा गया है कि बाजार में तरल व ठोस पदार्थ लेने के लिए पहले बर्तन व कपड़े का थैला लेकर जाते थे। लेकिन वर्तमान बाजार में तरल पदार्थ तेल, दूध, जूस व सब्जी, फल, फूल आदि को कैरीबैग या पॉलीथिन में लेकर आते हैं। जिससे प्लास्टिक अपशिष्ट की मात्रा बढ़ते जा रही है। नगरीय निकाय द्वारा रहवासी व व्यवसायिक क्षेत्र से निकलने वाले अपशिष्ट (गीला कचरा व सूखा कचरा) के संग्रहण हेतु हरा व नीला रंग के कन्टेनर दिए जाते हैं। लेकिन कचरे को मिलाकर कन्टेनर में डाला जाता है। जिसके साथ प्लास्टिक अपशिष्ट भी मिला होता है। जिसे नगरीय निकाय के कर्मचारियों द्वारा कठिन परिस्थिति में छटाई कर अलग-अलग किया जाता है। इसे ध्यान रखते हुए घर से निकलने वाले कचरे को अलग-अलग रंग के कन्टेनर में डालना चाहिए। प्राचार्य श्रीमती डॉ. कृष्णा अग्रवाल ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक के विलोपन के लिए लड़कियों की विशेष भागीदारी है, क्योंकि लड़कियां अधिकांशत: घरेलू कार्य करती है। इसलिए छात्राएं घर में पहले जागरूकता लाएं, जिससे समाज में भी जागरूकता आएगी। जिससे इसको नियंत्रण किया जा सकता है। उन्होंने प्लास्टिक के कैरी बैग के स्थान पर कपड़े व जूट के थैले का उपयोग करने के लिए जागरूक किया। स्कूल की शिक्षिका श्रीमती पुष्पा सिंग एवं श्रीमती रामटेके ने भी सिंगल यूज प्लास्टिक के विलोपन के लिए छात्राओं को जानकारी दी। साथ ही स्कूल में बैनर व पोस्टर के माध्यम से जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल भिलाई के प्रतिनिधि, शिक्षिकाएं व छात्राएं सम्मिलित हुए।

By Amitesh Sonkar

Sub editor

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