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एक्स रिपोर्टर न्यूज। राजनांदगांव

स्वास्थ विभाग में अफसरशाही हावी होने के कारण इनदिनों शहर सहित जिलेभर में बगैर लाइसेंस के संचालित पैथोलॉजी लैब और ब्लड कलेक्शन सेंटर के संचालक मनमानी पर उतर आए हैं। प्रशासनिक कार्रवाई नहीं होने के कारण यह काला कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। हद तो तब हो गई जब स्वास्थ विभाग के अधिकारियों ने अवैध संचालन के प्रकरण में लिप्त संचालक को जीवनदान देकर पुन: ब्लड कलेक्शन सेंटर संचालन की अनुमति दे दी।
मामला शहर के चिखली में संचालित एपी पैथोलॉजी लैब का है। इस सेंटर का संचालन बिना पंजीयन और लाइसेंस के किया जा रहा था।

Health reporter@राजनांदगांव: बिना लाइसेंस चला रहे थे ब्लड कलेक्शन सेंटर, स्वास्थ विभाग की टीम ने मारा छापा, लगवाया ताला…

बीते नवंबर के आखिरी दिनों में स्वास्थ विभाग की टीम ने कार्रवाई कर सेंटर को बंद कराया था। नियमत: सेंटर को सीलबंद किया जाना था। इसके बाद संबंधित संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती। न्यायालय में पूरी सुनवाई होने के बाद यदि सेंटर संचालक को दोषमुक्त किया जाता, तभी वह पुन: आवेदन कर सेंटर चालू कर सकता था। लेकिन यहां ऐसा हुआ ही नहीं।

Political reporter@राजनांदगांव: जिले में झोलाछाप डॉक्टरो की मनमानी चरम पर, बगैर पंजीयन के चलने वाले क्लीनिक, ब्लड कलेक्शन सेंटर और पैथोलॉजी लैब की आई बाढ़, लेकिन कार्रवाई शून्य: मनोज निर्वाणी

चुपके से करवा दिया ऑनलाइन आवेदन
सेंटर को तत्काल सीलबंद नहीं करने के पीछे की विभागीय मंशा अब खुलकर सामने आई है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार संचालक को चुपके से ऑनलाइन आवेदन करवा दिया गया और सेंटर दोबारा खुलवा दिया गया।

Health reporter राजनांदगांव: ब्लड कलेक्शन का लाइसेंस लेकर चला रहे डायग्नोस्टिक सेंटर…दफ्तर में बैठक कार्रवाई का खोखला दावा कर रहे स्वास्थ विभाग के अफसर, बाहर मेडिकल सेवाओं के नाम पर लूट का बाजार गर्म…

जो कि गलत है। पहले प्रकरण में कार्रवाई पूर्ण नहीं होने की दशा में स्वास्थ विभाग के अधिकारियों को चाहिए था कि वे तत्काल मामले में एक्शन ले और सेंटर को बंद करवा दें। लेकिन सूचना मिलने के बाद भी अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की। अधिकारियों के इस दोहरे ने रवैये साठगांठ की आशंका पैदा कर दी है।

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