IMG-20241026-WA0010
IMG-20241026-WA0010
previous arrow
next arrow

एक्स रिपोर्टर न्यूज। राजनांदगांव

स्वास्थ्य विभाग की निगरानी के अभाव में शहर सहित जिले भर में मेडिकल सेवाओं का अवैध कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। बिना लाइसेंस के क्लीनिक और डायग्नोस्टिक सेंटर का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है। अधिकांश लोग ब्लड कलेक्शन सेंटर का लाइसेंस लेकर पैथोलॉजी लैब का संचालन कर रहें है।
जिले के नर्सिंग होम, हास्पीटल, क्लिनिक, पैथोलॉजी लैब को एक कानून के दायरे में लाने के लिए सरकार ने नर्सिंग होम एक्ट बनाया है लेकिन स्थिति यह है कि स्वास्थ्य विभाग, जिसके पास एक्ट का पालन करवाने का जिम्मा है, वहीं लापरवाही बरत रहा है। एक अनुमान के मुताबिक सिर्फ राजनांदगांव शहर में ही दर्जनों पैथोलॉजी लैब है। इसमें से कुछ को ही लाइसेंस जारी हो सका है। बाकी नर्सिंग होम एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन कराना मुनासिब नहीं समझ रहे है। सवाल यह भी है कि आखिर एक्ट का उल्लंघन होने पर भी पैथोलॉजी जांच केन्द्र पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा सकी है ? क्या अधिकारियों की मिलीभगत है या फिर दूसरे कारण ? यह स्थिति सिर्फ शहर ही नहीं पूरे जिले की है। जो बगैर रजिस्ट्रेशन कराए ही धड़ल्ले से पैथोलॉजी जांच केन्द्र चला रहे है। क्योंकि किसी को कार्रवाई का भय नहीं है। जिले में पैथोलॉजी सेंटर की भरमार है। मुख्य सड़क से लेकर तंग गलियों तक में पैथोलॉजी सेंटर संचालित है।

Health reporter राजनांदगांव: न डिग्री न लाइसेंस टेबल लगाया और खोल दी क्लीनिक…ऑफिस की चारदिवारी में सिमटा स्वास्थ विभाग का कायदा कानून, झोलाछाप डॉक्टरों की हुई चांदी…

इन पैथोलॉजी सेंटर्स पर टेक्निशियन और डॉक्टरों के नाम के बड़े-बड़े बोर्ड भी लगी हैं, लेकिन बेहतर जांच करने का दावा करने वाले इन पैथोलॉजी सेंटर्स की जांच रिपोर्ट के आधार पर मरीजों का इलाज आगे बढ़ाना खतरनाक साबित हो सकता है। हकीकत में जहां-तहां चल रहे इन पैथोलॉजी सेंटर्स की जांच रिपोर्ट गलत साबित होती है। खुद कई डॉक्टर्स मरीजों द्वारा कराई जाने वाली पैथोलॉजी सबंधी जांच रिपोर्ट से असमंजस में पड़ जाते हैं। हैरानी की बात ये है कि धड़ल्ले से आंखों में धूलझोंक रहे इन पैथोलॉजी सेंटर्स का सच सबको पता है, बावजूद इसके स्वास्थ्य महकमा आंखें बंद कर चुप्पी साधे हुए हैं।

उपकरण भी हैरान कर देंगे
पैथोलॉजी सेंटर का सच स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से छुपा नहीं है। ज्यादातर पैथोलॉजी सेंटर पर बिना टेक्निशियन के जांच की जाती है। जांच करने वाले चिकित्सीय उपकरण की स्थिति भी हैरान कर देने वाली है। पैथोलॉजी सेंटर की आड़ में जांच के नाम पर मरीजों से पैसा वसूलने का खेल स्वास्थ्य महकमे की चुप्पी के कारण फलफूल रहा है।

बीएमओ के कार्यशैली सवालों के घेरें में
बिना पंजीयन चल रहे पैथोलॉजी लैब के खिलाफ कार्रवाई न होना बीएमओ की कार्यशैली पर भी सवाल खड़ा कर रहें है। क्योंकि ब्लॉक मुख्यालय में सर्वाधिक पैथौलॉजी लैब का संचालन किया जा रहा है। स्वास्थ विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को जल्द से जल्द इस मामले को संज्ञान में लेना चाहिए और शहर सहित जिले भर में संचालित अवैध पैथोलैब, डायग्नोस्टिक सेंटर, सोनोग्राफी सेंटर और क्लीनिक संचालकों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
************

error: Content is protected !!