एक्स रिपोर्टर न्यूज़ । राजनांदगांव
ग्राम पंचायत बाकल में शिवनाथ नदी से रेत का अवैध उत्खनन का मसला राजधानी पहुंच चुका है। शनिवार को रायपुर माइनिंग डिपार्टमेंट के एडिशनल डायरेक्टर दल बल के साथ मौका निरीक्षण करने गांव पहुंचे। उनके साथ राजस्व और पुलिस अमला भी मौके पर मौजूद था। यहां अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान शिवनाथ नदी से निकाले गए रेत का परीक्षण किया। इसके बाद ग्रामीणों और ठेकेदार से बयान लिया गया। अफसरों ने कहा कि दोनों पक्षों के बयान के बाद मामले की जांच शुरू की जाएगी। इसके बाद ही किसी तरह की कार्रवाई की जा सकती है। अधिकारियों के पूछताछ में ग्रामीणों ने कहा कि ठेकेदार मनमानी पूर्वक लबालब पानी से भरे नदी से वैक्यूम मोटर के सहारे रेत की निकासी करवाता रहा है। जोकि पूर्ण रूप से अवैध है। रेत के अवैध उत्खनन के कारण गांव में पानी की किल्लत हो चली है और पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। खुलासे वाली बात यह है कि जब ठेकेदार की लीज अवधि बढ़ाई गई उस समय ग्राम पंचायत को सूचना नहीं दी गई थी जबकि नियमावली के मुताबिक संबंधित पंचायत को प्राथमिक रूप से सूचना दिया जाता है। सभी ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि रेत उत्खनन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई शासन प्रशासन द्वारा की जानी चाहिए यदि ऐसा नहीं किया जाता तो सभी ग्रामीण आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
शिकायत को अनसुना करने वाले स्थानीय अफसर भी पहुंचे मौके पर
ग्राम पंचायत बाकल के ग्रामीण रेत के अवैध उत्खनन मामले को लेकर पिछले 2 साल से स्थानीय प्रशासन के पास शिकायत करते आए हैं। लगातार शिकायतों के बावजूद स्थानीय खनिज, राजस्व और पुलिस महकमा कार्रवाई करने से परहेज करता रहा। इसीलिए ग्रामीणों ने खुद ही मामले में कार्रवाई करने का फैसला किया और रेत परिवहन में लगे वाहनों की आवाजाही बंद कर दी। ग्रामीणों के बढ़ते आक्रोश को देख सभी स्थानीय अधिकारी मौके पर पहुंचे और रायपुर की टीम के साथ कार्रवाई करते नजर आए। ग्रामीणों को समझाइश देने के लिए खुद एसडीएम अरुण वर्मा ने मोर्चा संभाला और निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया।
पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारी रहे नदारद
मौके पर खनिज, राजस्व और पुलिस अमला मौजूद रहा लेकिन पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों की कमी सभी को खलती रही। गौरतलब है कि बाकल में रेत का अवैध उत्खनन कर ठेकेदार ने एनजीटी के नियमों की खुलकर धज्जियां उड़ाई है। इस कार्य से जल प्रदूषण और पर्यावरण को बड़ा नुकसान हुआ है। पूर्व में खनिज विभाग और राजस्व विभाग के अलावा पर्यावरण संरक्षण मंडल दुर्ग को लगातार शिकायतें दी जाती रही है लेकिन एक बार भी पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारी मौका निरीक्षण में नहीं पहुंचे। शनिवार को भी बाकी अमले के साथ उनकी उपस्थिति अनिवार्य थी लेकिन अधिकारी नहीं पहुंचे।
अब देखना है आगे होता है क्या?
एक बार फिर शासन प्रशासन ने बाकल रेत अवैध उत्खनन मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया है। पिछले साल भी शासन ने कार्रवाई का आश्वासन दिया था लेकिन सिर्फ जुर्माना का आदेश देकर मामले को ठंडा कर दिया गया। ठेकेदार द्वारा अभी तक तय जुर्माना की राशि जमा नहीं की गई है। इसके बावजूद संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। अब आगे देखना यह है कि रायपुर के अधिकारी मामले में क्या एक्शन लेते हैं?
**********
✍️✍️✍️
कर्णकांत श्रीवास्तव
(B.J.M.C.)
सीनियर जर्नलिस्ट, फाउंडर एंड चीफ एडिटर- एक्स रिपोर्टर न्यूज़ वेबसाइट, मीडिया प्रभारी- जिला पत्रकार महासंघ राजनांदगांव एवं विशेष सदस्य- प्रेस क्लब राजनांदगांव।
मो. 9752886730
