एक्स रिपोर्टर न्यूज़। राजनांदगांव
एक बार फिर सुर्खियों में आ चुके बाकल रेत उत्खनन मामले में किसी फिल्म की तरह ड्रामा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार देर शाम को एक बार फिर ग्राम पंचायत बाकल के ग्रामीणों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और रेत तस्करी में लगे ट्रकों के पहिए थमा दिए। घटना की जानकारी मिलते ही बसंतपुर पुलिस मौके पर तो पहुंची लेकिन कार्रवाई ठेकेदार के बजाय ग्रामीणों के खिलाफ करते हुए रेत तस्करी में लगे ट्रकों को क्लीयरेंस दिला दी। इससे ग्रामीणों में पुलिस के प्रति भी भारी रोष देखा गया।
गंभीर बात यह है कि लगातार शिकायतों के बाद भी प्रशासन इस मामले में कार्यवाही करने को तैयार नहीं है।
*कोर्ट में जाने की दी सलाह*
उपसरपंच भारत यादव ने बताया कि शुक्रवार देर शाम को प्रदर्शन के दौरान पुलिस गांव पहुंची थी। रेत से भरे ट्रकों की जब्ती करने के बजाए उल्टा पुलिस ग्रामीणों को ही हड़काने लगी और रेत से भरे ट्रकों को निकलने दिया। जब ग्रामीणों ने पुलिस अधिकारियों से इसका कारण पूछा तो अधिकारियों ने न्यायालय में जाने की सलाह दे डाली। इससे साफ प्रतीत होता है कि शासन-प्रशासन और पुलिस भी ठेकेदार के मनसा अनुरूप कार्य कर रही है।
वेक्यूम मोटर का इस्तेमाल प्रतिबंधित फिर भी खनिज विभाग मौन*
गौरतलब है कि किसी भी रेत खदान से रेत निकालने की अनुमति तभी दी जाती है जब नदी में जलस्तर काफी कम हो या सूखे के हालात हो। लबालब पानी होने की स्थिति में कभी भी रेत निकासी की अनुमति नहीं दी जाती है, विशेषकर वेक्यूम मोटर पंप के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके बावजूद ठेकेदार बाकल खदान में खुलेआम वेक्यूम मोटर का इस्तेमाल कर रहा है। इसके बावजूद खनिज विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हुए हैं। ऐसे में अफसर और ठेकेदार के बीच सांठगांठ की आशंका गहरा गई है।
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