IMG-20241026-WA0010
IMG-20241026-WA0010
previous arrow
next arrow

राजनांदगांव। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्यांगता सशक्तिकरण संस्थान के अधीन संचालित समेकित क्षेत्रीय केंद्र राजनांदगांव द्वारा 15 एवं 16 सितम्बर 2022 को सीआरसी राजनांदगांव में भारतीय पुनर्वास परिषद नई दिल्ली के नियमानुसार दो दिवसीय ऑनलाइन कार्यक्रम सीखने की दिव्यंगथा- प्रकार, जाँच और निदान विषय पर सीआरआई कार्यक्रम का ऑनलाइन आयोजन किया। जिसमें विभिन्न राज्यों से 48 रिहबिलिटेशन प्रोफेसनल शामिल हुए। समेकित क्षेत्रीय केन्द्र राजनांदगांव एवं पंडित. रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी रायपुर के विभिन्न रीहबिलिटेशन प्रोफेसनल द्वारा सीखने की दिव्यंगथा के बारे जैसे सीखने की दिव्यंगथा क्या हैं, सीखने की दिव्यंगथा होने के कारण एवं लक्षण, सीखने की दिव्यंगथा बच्चों का हम अपने घर, स्कूल में उनके व्यवहार को देखकर कैसे पहचान कर सकते हैं तथा इस प्रकार के बच्चों का विभिन्न प्रकार के चिकित्सकीय एवं हस्तक्षेप करके रोकथाम करने, सीखने की दिव्यंगथा के कारण होने वाले मनोवैज्ञानिक समस्याएं और व्यावहारिक परिवर्तन सायकोलॉजिस्ट और विशेष शिक्षक, एवं पालकों का टीम बनाकर कार्य करने से होता हैं। शासन के विभिन्न प्रकार के योजना की जानकारी दी गई।

सीआरई वेबीनार कार्यक्रम का शुभारंभ निदेशक श्री कुमार राजू निदेशक द्वारा किया गया। वेबीनार कार्यक्रम प्रतिदिन सुबह 10 बजे से दोपहर 4.30 बजे तक विभिन्न विभागीय विशेषज्ञों श्रीमती श्रीदेवी गोडिशाला सहायक प्राध्यापक (मनोविज्ञानिकविभाग), श्री राजेंद्र कुमार प्रवीण सहायक प्राध्यापक, श्री देबाशीष रूट(व्याख्याता व्यावसायिक चिकित्सक), श्री प्रसादी कुमार महतो विशेष प्रशिक्षक, निधि राजन (विशेष शिक्षा विभाग), समेकित क्षेत्रिय केन्द्र राजनांदगांव एवं पंडित. रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी रायपुर के विभिन्न रीहबिलिटेशन प्रोफेसनल द्वारा सीखने की दिव्यंगथा के क्षेत्र में विस्तृत चर्चा व इससे प्रतिभागी को अपने क्षेत्र में इस ज्ञान का उपयोग दिव्यांगजन के जीवन स्तर को बढ़ाने में मददगार होगा। इसके अलावा श्रीदेवी गोड़ीशाला किरण एमएचआर एच समेकित क्षेत्रीय केन्द्र राजनांदगांव द्वारा भारत सरकार के 24*7 टोल फ्री मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास नंबर 1800-599-0019 के बारे में जानकारी दिया गया। जिससे इस मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं से मुक्त होने हेतु उपाय के सुझाव दिये गए। इस आरसीआई वेबीनार कार्यक्रम के सभी सत्र बाद भारतीय पुनर्वास परिषद नई दिल्ली के नियमानुसार प्रतिभागियों का मूल्यांकन भी किया। सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट दिया गया। जिससे प्रतिभागियों का आत्मबल बढ़ेगा और अपने मूल प्रमाण पत्र का नवीनीकरण में उपयोगी होगा। आखरी दिन धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन कार्यक्रम समन्वयक श्रीदेवी गोडिशाला सहायक प्राध्यापक (सहायक प्रोफेसर नैदानिक मनोविज्ञान) द्वारा किया गया।

By Amitesh Sonkar

Sub editor

error: Content is protected !!