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राजनांदगांव। शिक्षा का अधिकार कानून के अंतर्गत गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रायवेट स्कूलो में मिलने वाली प्रतिपूर्ति राशि में बड़ा घोटाला किया जा रहा है इसकी अनेको बार लिखित शिकायत भी हुई लेकिन विभाग ने जांच कराने की जहमत तक नही उठाई तो शिकायतकर्त्ता प्रेमनारायण वर्मा ने सीधे संचालक को लिखित शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है।

विभाग के पास नही है जानकारी

सूचना का अधिकार के अंतर्गत प्राप्त जानकारी के अनुसार शिकायतकर्त्ता प्रेमनारायण वर्मा ने बताया कि जिले के आरटीई के अंतर्गत प्रायवेट स्कूलों में कितने गरीब बच्चे किस स्कूल में पढ़ रहे है इसकी जानकारी डीईओ कार्यालय के पास नही है। कोरोना काल में कितने स्कूल बंद हुए और इन बंद स्कूलों में आरटीई के कितने बच्चे किस स्कूल में पढ़ रहे थे इसकी भी जानकारी विभाग के पास नही है तो वर्ष 2011 से लेकर 2019 तक करोड़ो रूपया प्रायवेट स्कूलो को प्रतिपूर्ति की राशि डीईओ ने भुगतान कर दिया।

विधान सभा में विभाग ने दो बार दी गलत जानकारी
श्री वर्मा का कहना है कि विभाग के द्वारा विधान सभा में दो बार बच्चों की जानकारी भेज दिया और अब यह कहा जा रहा है कि आरटीई के अंतर्गत किस प्रायवेट कूल में कितने बच्चे पढ़ रहे है इसकी जानकारी विभाग के पास नही है।
श्री वर्मा का कहना है कि विघान सभा में भेजी गई जानकारी कहां से लाया गया? फर्जी आंकड़ा, मिथ्या जानकारी सदन में प्रस्तुत करने वाले अधिकारी की तत्काल गिरफ्तारी होनी चाहिए और आरटीई के अंतर्गत गौतम टेकनो स्कूल मोहला को वर्ष 2021 में एक लाख सैतालिस हजार रूपया दिया गया और बताया गया कि इस स्कूल में आरटीई कें 21 गरीब बच्चे पढ़ रहे है लेकिन हकिकत यह है कि इस स्कूल में वर्तमान में सिर्फ 5 बच्चे आरटीई के पढ़ रहे है यानि 16 बच्चों का अधिक राशि इस स्कूल को दिया गया।

जिला प्रशासन ने नही की कोई कार्यवाही

श्री वर्मा का कहना है कि आरटीई नोडल ऑफिसर यह कह रहे कि आरटीई के बच्चों की जानकारी विभाग मे उपलब्ध नही है और कोरोड़ का भुगतान भी कर रहे है, विधान सभा और डीपीआई में प्रतिवर्ष जानकारी भी भेज रहे है, यानि बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है और शासन को भारी आर्थिक क्षति पंहुचाया जा रहा है इसकी जांच कर दोषीयों के खिलाफ कार्यवाही करने कलेक्टर, पुलिस अधिक्षक और डीईओ से मांग किया गया था लेकिन आज तक ना जांच हुई और ना कोई कार्यवाही हुआ।

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