एक्स रिपोर्टर न्यूज। राजनांदगांव
कम किराए में लोगों को यात्रा सुविधा दिलाने की सरकारी योजना का बंटाधार हो चुका है। क्योंकि करोड़ों रुपए खर्च कर खरीदी गई अधिकांश सिटी बस कंडम हो चुकी है। मरम्मत नहीं कराने के फेर में बसों के संचालन पर ब्रेक लग चुका है। यही नहीं जो बसे चलने लायक है उन्हें डीजल के बढ़े हुए दामों के कारण सड़क पर दौड़ा पाना मुश्किल हो चुका है। इन हालातों में लोगों को मजबूरी में महंगे दाम देकर बसों में सफर करना पड़ रहा है।
नगर निगम से मिली जानकारी अनुसार साल 2015-16 में राजनांदगांव के लिए 20 सिटी बस उपलब्ध कराई गई थी। जिन ट्रैवल्स एजेंसियों से अनुबंध कर इन सिटी बसों को चलवाने दिया था, उन्होंने शुरुआत से ही नुकसान बताकर इन्हें तवज्जाें नहीं दिया। नतीजा मेंटेनेंस के अभाव में अधिकांश सिटी बस समय से पहले कंडम हो गई। जबकि इन बसों की उम्र यानी चलने की गारंटी 7 साल 6 महीने की थी। अब इन अपाहिज बसों को दोबारा शुरू करने के लिए शासन से फंड की मांग की गई है। इंश्योरेंस (बीमा), रोड टैक्स और परमिट बनवाने के लिए भी मोटी राशि खर्च करनी होगी।
करोड़ों रुपए खर्च कर खरीदी गई थी सिटी बस
यात्रियों को सस्ते दाम पर सफर की सुविधा देने के उद्देश्य से पूर्ववर्ती सरकार ने सितंबर 2015 में 20 सिटी बसें उपलब्ध कराई थी। 40- 40 सीटर इन प्रत्येक बसों की कीमत लगभग 40 लाख यानी कुल 8 करोड़ रुपए की थी। राजनांदगांव शहरी सार्वजनिक यातायात सोसायटी के तहत इन बसों के संचालन का जिम्मा निजी ट्रैवल्स एजेंसी को दिया था। शुरुआत में यह अलग- अलग रुटों पर चल रही थी। फिर नुकसान होना बताकर विभिन्न रुटों पर बसें खड़ी कर दी गई।
नौकरी-पेशा और स्टूडेट्स के खर्चे बढ़े
सिटी बसाें के शुरु होने से रोजमर्रा सफर करने वाले सैकड़ों लोगों को राहत मिली थी। अब इन बसों के बंद होने से कम किराए पर लोगों को सफर की सुविधा नहीं मिल रही है। नौकरी- पेशा और स्टूडेंट्स, जिन्हें काम या पढ़ाई के लिए जिला मुख्यालय या फिर दूसरी जगह जाना है, वे यात्री बसों में ज्यादा किराया देकर सफर करने मजबूर हैं।
अधिकांश सिटी बस कंडम हो चुकी है- बस संघ
राजनांदगांव बस संघ के जिला अध्यक्ष रईस अहमद शकील ने कहा कि राजनांदगांव की अधिकांश सिटी बस कंडम हो चुकी है, उन्हें मरम्मत कराने की जरुरत है। ऐसे बसों का संचालन कर पाना संभव नहीं है। वर्तमान में गिनती के बस चल रहे है। बसों की मरम्मत और डीजल के बढ़ हुए दाम को देखते हुए पुन: किराया निर्धारण के लिए शासन से पत्राचार किया गया है। प्रत्येक बस के लिए नगर निगम में हर महीने लगभग 2600 रुपए बतौर रायल्टी दिया जाता रहा है।
शासन से पत्राचार किया गया है-ईई
नगर निगम ईई यूके रामटेके ने कहा कि अधिकांश सिटी बसों को मरम्मत की जरुरत है। कोविड और फिर डीजल के दाम बढ़ने के कारण बस का संचालन बंद किया गया। बसों की मरम्मत और रेट बढाने के लिए शासन से पत्राचार किया गया है।
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