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बख्शी जी की 50वीं पुण्य तिथि मनाई… व्यक्तित्व और कृतित्व पर की चर्चा

  • पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की 50वीं पुण्य तिथि
  • दिग्विजय महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा आयोजन

राजनांदगांव। शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा आज पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की 50वीं पुण्य तिथि पर उन्हें सामूहिक रूप से श्रद्धांजलि अर्पित की गई। प्राचार्य डॉ के एल टाण्डेकर के निर्देशानुसार आयोजित इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के विद्यार्थियों-प्राध्यापकों सहित बख्शी जी के परिजनों और नगर के साहित्य प्रेमियों, तथा समाज सेवियों ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उसके बाद हिंदी विभाग में एक विचार गोष्ठी आयोजित कर बख्शी जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा की गई।

हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ शंकर मुनि राय के नेतृत्व में विभागीय प्राध्यापकों और विद्यार्थियों ने सुबह सृजन संवाद त्रिवेणी परिसर  में 11 बजे पहुंच कर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की। इस अवसर पर बख्शी जी के पौत्र गजेन्द्र बख्शी, समाजसेवी शुभेन्दु हाजरा, सत्तीश भट्ड्ड, डीसी जैन, संजीव जैन और कवि पद्मलोचन शर्मा ‘मुंहफट’ आदि ने बख्शी जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित किए। पुष्पांजलि के बाद हिंदी विभाग में आयोजित विचार गोष्ठी में डॉ शंकर मुनि राय ने बख्शी जी के साहित्यिक जीवन पर प्रकाश डाला। प्रसंगवश आपने उनकी कहानी ‘झलमल’ का उल्लेख करते हुए कहा कि आप छत्तीसगढ़ी संस्कृति के अमर रचनाकार हैं। साथ ही उनके ‘सरस्वती’ पत्रिका के संपादक बनने और कविवर सुमित्रानंदन पंत से जुड़े एक रोचक प्रसंग का भी उल्लेख किया।विचार गोष्ठी के दूसरे चरण में डा शंकर मुनि राय, बी एन जागृत और पद्मलोचन शर्मा ने ग्रामीण परिवेश से जुड़ी काव्य रचनाओं का पाठ किया गया। इस अवसर पर डॉ एच एस भाटिया, डॉ नीलम तिवारी, डॉ स्वाति दूबे, डॉ गायत्री साहू, डॉ भवानी प्रधान, कौशिक लाल बिशी, अमितेश सोनकर और लोकेश शर्मा आदि ने भी अपने विचार प्रकट कर साहित्यिक श्रद्धांजलि अर्पित की।

By Amitesh Sonkar

Sub editor

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