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रायपुर, 27 सितंबर 2021

छत्तीसगढ़ राज्य में सभी प्राथमिक स्कूलों में अध्ययनरत् विद्यार्थियों में पठन कौशल विकसित करने के लिए अब शिक्षा विभाग एक नया प्रयोग करते हुए रोचक कहानियों का सहारा लेगा। कक्षा पहली से लेकर पांचवी तक के बच्चों को अब रोचक कहानियां पढ़ने को मिलेंगी। बच्चों से कक्षा में इसका पाठ भी कराया जाएगा, ताकि उनमें पढ़ने के साथ-साथ वाक्यों को समझने की क्षमता विकसित हो। शिक्षा विभाग ने स्टोरीव्हीवर के साथ मिलकर फाउंडेशन लिटरेसी नामक कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है। इस कार्यक्रम की जानकारी वेबीनार के माध्यम से दी गई है, जो कि यू-ट्यूब में उपलब्ध है।

कार्यक्रम में कहानियों को कक्षा पहली के लिए स्तर-एक एवं दो, कक्षा दूसरी के लिए स्तर- तीन एवं चार, कक्षा तीसरी के लिए स्तर- पांच एवं छह में वर्गीकृत किया गया है। एक स्तर की कहानियों को समझकर एक साथ पढ़ सकने स्थिति में अगले स्तर पर आगे बढ़ना होगा। प्रत्येक स्तर पर 20 से 30 कहानियों की पुस्तकें उपलब्ध होगी। बच्चों को इन कहानियों को सुनने का अवसर भी मिलेगा। बच्चे कहानियों में लिखे वाक्यों को आवाज में सुन सकेंगे और साथ-साथ पढ़ने का अभ्यास भी कर सकेंगे। यह कार्य रीडएलोंग के माध्यम से हो सकेगा। प्रत्येक शब्द को चित्र के साथ हाईलाईट कर दिखाया एवं सुनाया जाएगा।

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जिले में कितने शिक्षक एवं पालक इस कार्यक्रम का लाभ ले रहे है, इसकी ट्रेकिंग की व्यवस्था की जा रही है। छह पुस्तकों का सेट पढ़ने के बाद बच्चों की प्रगति की जांच के लिए प्रोग्रेस ट्रैकर भी उपलब्ध कराया जाएगा।

कार्यक्रम की श्रृखंला में कुल 180 कहानियां उपलब्ध करायी जाएंगी। प्रत्येक कहानी को कक्षा में सीखाने का अवसर देने के लिए शिक्षकों के लिए पाठ योजना एवं समझ की जांच के लिए वर्कशीट एवं प्रश्न आदि भी उपलब्ध कराए जाएंगे, जिसे बच्चे कहानी पढ़ने के साथ कर सकते है।

शिक्षकों को इन कहानियों को सीखाने के लिए निर्देश वीडियो के साथ पठन रणनीति पुस्तिका में उपलब्ध करवाई जा रही है। इसमें पढ़ने के विभिन्न चरण जैसे- पढ़कर सुनाना, साझा पठन, मार्गदर्शन पठन एवं मुक्त पठन कर आधारित पोस्टर भी उपलब्ध करवाए जा रहे है। कक्षा में इन कहानियों को मोबाइल से छोटे-छोटे समूहों को दिखाने के बाद कहानियों को श्याम पट्ट पर लिखकर बच्चों को पढ़ाने का अभ्यास करवाया जा सकता है। शिक्षक हमेशा यह प्रयास करे कि सभी विद्यार्थी विभिन्न माध्यमों से इन कहानियों का अधिक से अधिक संख्या में समझ के साथ वाचन कर सके। इन पुस्तकों को शिक्षकों एवं पालकों के साथ व्हाट्अप या अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से साझा किया जा सकेगा।

कार्यक्रम का लाभ लेने के लिए जिले के शिक्षकों को स्टोरीव्हीवर के वेबसाईट में अपना पंजीयन कराना होगा। इसके लिए लिंक cgschool.in सीजीस्कूलडॉटइन में भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसके उपयोग की पूरी प्रक्रिया वीडियो के माध्यम से बतायी जाएगी। प्रत्येक कहानी को निपुण भारत के लिए निर्धारित लर्निंग आउटकम से मेप किया गया है। शिक्षक बच्चों को मोबाइल से इन कहानियों को पढ़ने का अवसर दे सकते है।

By Karnkant Shrivastava

B.J.M.C. Chief Editor Mo. No. 9752886730

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