IMG-20241026-WA0010
IMG-20241026-WA0010
previous arrow
next arrow

भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना शुरू जानकारी के अभाव में पहले दिन आवेदन करने पंचायतों में कम संख्या में पहुँचे लोग इंतजार में खाली बैठे रहे अधिकारी

राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना- भूमिहीन कृषि मजदूर होगें लाभान्वित
 
कलेक्टर ने ग्राम लेंजवारा का दौरा कर पंजीयन कार्य की ली जानकारी  
बेमेतरा 01 सितम्बर 2021-राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत जिले में  बुधवार 01 सितम्बर से ग्रामीण मजदूरों का पंजीयन कार्य ग्राम पंचायतों में प्रारंभ हो गया है। जहाँ पहले  दिन जानकारी के अभाव के चलते आवेदन करने पंचायत भवनों में लोगों की संख्या कम रही। कर्मचारी आवेदन लेने दिनभर इंतजार करते बैठे रहे।  कलेक्टर श्री विलास भोसकर संदीपान ने आज जिले के बेरला विकासखण्ड के ग्राम लेंजवारा पहुंचकर इस योजना के तहत लिए जा रहे आवेदन के संबंध मे जानकारी ली। जिले के विकासखण्ड साजा, बेरला, नवागढ़ एवं बेमेतरा के ग्राम पंचायतों मे भी पंजीयन कार्य आज से प्रारंभ हो गया है। जिलाधीश ने आवेदन जमा करने आये हितग्राहियों से आत्मीय बात-चीत की। इस अवसर पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री संदीप ठाकुर, जनपद पंचायत सीईओ श्री सीपी मनहर, सरपंच लेंजवारा मनहरन पाठक उपस्थित थे।
आवेदन पंजीयन हेतु सभी ग्राम पंचायतों में समुचित प्रबंध किया गया है। योजना के अंतर्गत चयनित भूमिहीन कृषि मजदूरों को सालाना 6 हजार रूपये की राशि राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता बतौर दी जायेगी। भूमिहीन कृषि मजदूरों को संबल प्रदाय करने की दृष्टि से राज्य शासन द्वारा राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रारंभ किया जा रहा है। योजनांतर्गत कट ऑफ डेट (पात्रता दिनांक) 01 अप्रैल 2021 होगा। 01 अप्रैल 2021 की स्थिति में योजनांतर्गत निर्धारित पात्रता होनी चाहिए। योजना अंतर्गत पात्रता केवल छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को होगी। ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे सभी मूल निवासी भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार इस योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र होंगे, जिस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है। पट्टे पर प्राप्त शासकीय भूमि यथा वन अधिकार प्रमाण पत्र को कृषि भूमि माना जाएगा। ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, घोबी, पुरोहित जैसे-पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक तथा शासन द्वारा समय-समय पर नियत अन्य वर्ग भी पात्र होंगे, यदि उस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है। भूमिहीन कृषि मजदूर से अभीप्राय ऐसा परिवार जो कोई कृषि भूमि धारण नहीं करता और जिसकी जीविका का मुख्य साधन शारीरिक श्रम करना है और उसके परिवार का जिसका की वह सदस्य है, कोई सदस्य किसी कृषि भूमि को धारण नहीं करता है। इसी तरह परिवार से आशय किसी व्यक्ति का कुटुम्ब अर्थात् उसकी पत्नी या पति, संतान तथा उन पर आश्रित माता-पिता से है। कृषि भूमि धारण नहीं करना से आशय, उस परिवार के पास अंश मात्र भी कृषि भूमि नहीं होना है।

error: Content is protected !!