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एक्स रिपोर्टर न्यूज़ । राजनांदगांव

शहर के सबसे पॉश इलाके ममता नगर इंडस्ट्रियल एरिया में उद्योगों को जमीन आवंटन में जो मनमानी की गई है वह अब परत दर परत खुलने लगी है। आवंटित भूखंडों में से एक में प्लास्टिक दाना फैक्ट्री का संचालन वर्षों से किया जा रहा है। गंभीर बात यह है कि इस फैक्ट्री का संचालन फायर सेफ्टी और पर्यावरण प्रदूषण नियमों को दरकिनार कर किया जा रहा है। फैक्ट्री में सैकड़ो टन प्लास्टिक है। जिसमें कचरे में मिलने वाला बोतल, पॉलीथिन वह अन्य प्लास्टिक वस्तुएं ठूस-ठूस कर भरी गई है। किसी दिन लापरवाही से छोटी सी चिंगारी यहां आग की भयंकर लपटे उठा सकती है। फैक्ट्री के आसपास दूसरी फैक्ट्रियां और मकान है। आगजनी की जद में यह भी आ जाएंगे।

पड़ताल करने फैक्ट्री के अंदर पहुंची पत्रकारों की टीम

वर्षों से शहर के भीतर चल रहे प्लास्टिक दाना फैक्ट्री की पड़ताल के लिए बुधवार को पत्रकारों की टीम पहुंची। अंदर जाकर देखा गया तो चारों तरफ प्लास्टिक का कचरा मिला। फैक्ट्री में काम कर रहे मजदूरों ने बताया कि इन्हीं कचरा प्लास्टिक को गर्म करके प्लास्टिक दाना बनाया जाता है। मजदूरों से जब पूछा गया कि फैक्ट्री में फायर सेफ्टी का इंतजाम है कि नहीं तो उन्होंने छोटी सी पानी की टंकी दिखा दी और कहा कि यही इंतजाम है।

मजदूरों को नहीं मालूम कौन है फैक्ट्री का संचालक

फैक्ट्री में काम करने मजदूरों को जब पूछा गया कि फैक्ट्री का संचालक कौन है तो उन्होंने जानकारी नहीं होने का हवाला दिया। कुछ देर बाद एक मजदूर ने नाम बताया भी तो किसी दूसरे व्यक्ति का। जबकि उद्योग विभाग से मिली सूची के अनुसार उक्त फैक्ट्री के संचालक में किसी और का नाम दर्ज है। यदि ऐसा है तो फैक्ट्री को किराए पर देने की बात यहां पर सच साबित हो रही है।

City reporter@राजनांदगांव: जरूरतमंद नहीं रसूखदारों को दी गई ममता नगर इंडस्ट्रियल एरिया की जमीन, शहर के बीच असल में कौन सी फैक्ट्रियां चल रही यह भी नहीं जानता उद्योग विभाग…

प्लास्टिक फैक्ट्रियों को शहर से दूर रखने के निर्देश

गौरतलब है कि पर्यावरण प्रदूषण का ग्राफ बढ़ता देख केंद्र और राज्य सरकार ने पॉलिथीन व सिंगल यूज़ की प्लास्टिक वस्तुओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही प्लास्टिक वस्तुओं का निर्माण करने वाली फैक्ट्रियों को रिहायशी इलाकों से दूर रखने के निर्देश समय-समय पर जारी किए जाते रहे हैं। इसके बावजूद शहर के बीच में प्लास्टिक दाना फैक्ट्री का संचालन वर्षों से किया जा रहा है। हैरत की बात तो यह है कि इस संबंध में जानकारी होते हुए भी उद्योग विभाग के अफसर खामोश बैठे हुए हैं। ऐसे में मिली भगत की आशंका गहरा गई है।

कार्रवाई की जाएगी: महाप्रबंधक

ममता नगर इंडस्ट्रियल एरिया भूखंड आवंटन और उद्योगपतियों की मनमानी के संबंध में जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक स्वतंत्र सिंह से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि मामले को संज्ञान में लेकर जल्द ही ममता नगर इंडस्ट्रियल एरिया का भौतिक सत्यापन किया जाएगा और गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
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