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एक्स रिपोर्टर न्यूज़। राजनांदगांव

करोड़ों रुपए कीमती ममता नगर इंडस्ट्रियल एरिया की जमीन को लीज पर उठाने का खेल लंबे समय से चल रहा है। शुरुआत से लेकर वर्तमान तक जमीन किसी जरूरतमंद को नहीं मिली है। यहां वर्षों से कब्जा सिर्फ रसूखदारों का ही रहा है। यूं तो यह जमीन पहले आओ पहले पाओ के विभागीय स्कीम के तहत आवंटित की जाती है, लेकिन कब कौन सी जमीन उपलब्ध है इसका पता सिर्फ रसूखदारो को ही रहता है। आम जरूरतमंद लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगती। हाल ही में एक नामी कंपनी को ममता नगर इंडस्ट्रियल एरिया भूखंड का आवंटन कर दिया गया। अब अधिकारी इसे आवेदन पर आवंटन की बात कहकर बच रहे है। अब यह तो जांच करने पर ही पता चल पाएगा कि संबंधित कंपनी ने कब और कौन सी भविष्यवाणी के तहत आवेदन विभाग में लगा रखा था। क्योंकि विभागीय जानकारी अनुसार इंडस्ट्रियल एरिया की जमीन 1978 से 99 वर्षों की लीज पर है। कब किसकी लीज खत्म हो रही है यह अधिकारी भी ठीक तरह से बता नहीं पा रहे।

City reporter@राजनांदगांव: एक ही परिवार के सदस्यों को दे दिया एक से अधिक भूखंड, ममता नगर इंडस्ट्रियल एरिया की जांच हुई तो होगा बड़ा खुलासा…

वहीं शहर के बीच ममता नगर इंडस्ट्रियल एरिया में असल में कौन सी फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा है यह भी जांच का विषय है। क्योंकि आवंटन सूची में जिन उद्योगों का जिक्र किया गया है उनमें से ज्यादातर ऑटोमोबाइल वर्कशॉप और सर्विसिंग सेंटर है। जरूरी नहीं की दिए गए व्यापार डिटेल के हिसाब से मौके पर काम किया जा रहा होगा। सूची में प्लास्टिक उद्योग और दाल मिल का भी जिक्र है। यदि ऐसा है तो इन फैक्ट्री में पर्यावरण प्रदूषण के नियमों को पालन करवाना काफी जरूरी है साथ ही नई नियमावली के मुताबिक प्रदूषण करने वाले किसी भी फैक्ट्री को शहर के भीतर संचालित करने की अनुमति नहीं दी जाती है। इन हालातों में ममता नगर इंडस्ट्रियल एरिया के प्रत्येक उद्योग के भौतिक सत्यापन की जरूरत है।

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