IMG-20241026-WA0010
IMG-20241026-WA0010
previous arrow
next arrow

राजनांदगांव। शिक्षा का अधिकार कानून के अंतर्गत नियम विपरीत प्रतिपूर्ति राशि के वितरण को लेकर लगातार लिखित शिकायत हो रही है। बंद स्कूलों के खातों में लाखों की रकम हस्तांतरित कर दिया गया तो कहीं बच्चों की संख्या से अधिक की राशि स्कूलों के खातों में राशि हस्तांतरित कर दिया गया लेकिन दोषियों पर कार्यवाही नही हो पाई है क्योंकि शिक्षा विभाग में यह संगठित रूप से किया गया अपराध है इसलिए सबको बचाने में ही सबकी भलाई दिख रही है।
छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन ने अब दस्तावेजी साक्ष्य के साथ लालबाग में स्थित वाइडनेयर स्कूल की लिखित शिकायत पुलिस अधीक्षक से की गई है।
वाइडनेयर स्कूल को वर्ष 1975 में स्कूल संचालित करने तत्कालीन कलेक्टर ने राजगामी संपदी की लगभग 1,50,000 वर्ग फीट भूमि दी थी और शिक्षा का अधिकार कानून की धारा 12 की उपधारा 2 और शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी निर्देश में यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि जिस स्कूल को स्कूल संचालित करने शासकीय भूमि दी गई है उन्हे अपने स्कूलों में आरटीई के गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देना होगा और वे आरटीई प्रतिपूर्ति राशि के हकदार नही होगें लेकिन वाइडनेयर स्कूल को वर्ष 2011 से लेकर 2020 तक आरटीई प्रतिपूर्ति राशि स्कूल के खाते में हस्तांतरित किया गया जबकि वाइडनेयर स्कूल राजगामी संपदा न्यास की भूमि पर संचालित हो रही है, और इस स्कूल को आरटीई प्रतिपूर्ति राशि नही दिया जाना था।
छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के द्वारा इस मामले की लिखित शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी से की थी और दोषीयों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की गई थी लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी ने कोई कार्यवाही नही किया तो अब एसोसियेशन के जिला अध्यक्ष त्रिगुण सादानी ने इस मामलें में पुलिस अधीक्षक से शिकायत कर शासकीय राशि का गबन करने वाले सभी दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की गई है। जानकार बताते है कि 10 वर्षो में लगभग एक करोड़ चालीस लाख वाइडनेयर स्कूल के खाते में हस्तांतरित किया गया है, जिसे अब रिकवर किया जाना है।

error: Content is protected !!