- मोर मकान मोर आस योजनांतर्गत किरायेदारों को मिलेगा स्वयं का आवास
राजनांदगांव 9 फरवरी। राजनादगांव निकाय क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत ‘‘मोर जमीन मोर मकान के तहत् कुल 4204 आवास पूर्ण हो गये है और 2360 आवास विभिन्न अलग-अलग स्तर पर निर्माणाधीन है। महापौर श्रीमती हेमा सुदेश देशमुख एवं निगम आयुक्त डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में आवास योजना के माध्यम से शहर के जरूरतमद एवं गरीब परिवारों के सर पर पक्की छत हो इस पर निरंतर नगर निगम राजनांदगांव का सार्थक प्रयास जारी है। आवास योजना का लाभ देने मोर जमीन मोर मकान योजना से जूडे सभी वास्तुविद एवं इंजीनियरों के द्वारा नगर में अच्छे एवं सुंदर आवास निर्माण के लिये हितग्राहियोें को सलाह दी जा रही है, सलाह अनुसार आवास का निर्माण किया जा रहा है। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ शासन की संवेदनशील पहल पर मोर मकान मोर आस योजनांतर्गत ए.एच.पी. के तहत निर्मित लखोली, मोहारा, रेवाडीह व पेण्ड्री मे निर्मित सर्वसुविधा युक्त बहुमंजिला आवास में वर्षो से किराये में निवासरत परिवारों को मात्र लागत मूल्य पर आवास उपलब्ध कराया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि अच्छे और सुंदर सर्वसुविधा युक्त आवास का निर्माण करने वाले हितग्राहियों को समय समय पर शासन द्वारा प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। योजना का लाभ लेने हितग्राही नगरी निकाय क्षेत्र के विभिन्न वार्डो में स्वयं के द्वारा नगर निगम के सहयोग से सर्वसुविधा युक्त अच्छे एवं सुंदर आवास का निर्माण कर रहे है, जिसमें 4204 आवास का निर्माण पूर्ण होकर हितग्राही वहा निवास कर रहे है, जिससे उनके जीवन शैली में बदलाव आया है। इसी योजना के तहत लगभग 2400 आवास निर्माणाधीन हैै। जहॉ आवास निर्माण पूर्ण हो चुका है, वहा अच्छे एवं सुंदर आवास का निर्माण करने वाले हितग्राहियों को समय समय पर शासन द्वारा प्रोत्साहन के रूप में इनके निर्माण कार्य की सहराना की जाती है। ऐसे हितग्राहियों को योजना के 7 वर्ष पूर्ण होने पर निकाय के उत्कृष्ठ 10 आवास का निर्माण करने वाले हितग्राहियों को महापौर श्रीमती हेमा सुदेश देशमुख के द्वारा पुरूस्कृत भी किया गया था।
नगर निगम राजनांदगांव क्षेत्रांतर्गत मोर जमीन मोर मकान योजनांतर्गत आवास का सपना सकार करने वाले हितग्राहियों में रेवाहीह निवासी श्रीमति सरोज वैष्णव और उनके पति राजेश वैष्णव ने आवास योजना का लाभ लेकर बताया कि, परिवार के पास अपना स्वयं का घर नही था और वे किराये के घर में रहते थे। राजेश वैष्णव ने बताया कि मैं छोटी सी पान की दुकान से अपने परिवार का पालन पोषण करता हूॅ, स्वयं का आवास नही होने के कारण किराये के घर में अपने स्वयं के पक्के आवास कि आस सज®ते हूए पूरी जिन्दगी के आधे से ज्यादा सावन बीत गये, थोडे-थोडे पैसे एकत्रित कर शहर के दूर कोने में एक छोटा सा जमीन का टुकडा खरीदा, पर असमंजस में था, बच्चे भी बडे हो गये थे लगता था घर बनाउ या फिर इनका भविष्य सवारू ये हिम्म्त नही कर पा रहा था। जैसे-तैसे जमीन तो ले लिया था पर उसमें घर बनाने की हिम्मत नही कर पा रहा था।
इसी दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना के समंबंध में जानकारी मिली और सभी आवश्यक दस्तावेज के साथ नगर पालिक निगम के कार्यालय में जमा किया कुछ माह बाद स्वीकृति प्राप्त हुई, इस स्वीकृति से मन में सुखद अहसास हुआ। शासन ने जो हिम्मत दी तो आज इनके सपने का आशियाना बना जिसमें एक आधुनिक घर एवं सम्पूर्ण सुविधा का समावेश करने का प्रयास किया है। अपने घर में अपना अनुभव साझा करते हुए श्रीमति सरोज वैष्णव अपने श्री सॉई नाथ के साथ साथ शासन को इस सहयोग के लिये धन्यवाद देती है।
इसी प्रकार राजनांदगॉव निकाय क्षेत्र का ग्रामीण वार्ड वार्ड क्रमांक 34 कन्हारपुरी में निवासरत श्री नारायण दास निर्मलकर पिता स्वं. मया राम निर्मलकर बढाई काम कर के अपनी जीविका का संचालन कर रहे है। नारायण दास अपनी पत्नि एवं दो बच्चो के साथ कच्चे मकान में रहते थे नारायण दास बडे-बडे आवासो में लकडी का काम करने से उनके मन मेें भी आता था कि मेरा भी सुन्दर एवं सुविधा वाला आवास बने, जिसमें सभी मूलभूत सुविधा हो और मैं अपने परिवार के साथ उसमें निवास कर सकू। उन्होंने बताया कि नगर निगम राजनांदगांव में जानकारी मिली कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् स्वयं के आवास का सपना पूरा हो रहा है। तब मैने विधिवत आवेदन किया जिससे आवास निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई और मैने आवास निर्माण को प्रारंभ किया और आज अपने स्वयं के अलग अलग कमरे, व्यवस्थित रसोई के साथ सर्वसुविधायुक्त आवास में पूरे परिवार के साथ निवास कर रहा हॅॅू। आवास योजना से लाभ मिलने पर नारायण दास निर्मलकर का सपना सकार हुआ और उनका परिवार उस योजना को संचालित करने के लिए शासन का कोटि-कोटि आभार व्यक्त करता है।
महापौर श्रीमती हेमा सुदेश देशमुख ने योजना के संबंध में कहा कि मोर जमीन मोर मकान योजना का नगर निगम द्वारा सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है,जिसके माध्यम से हितग्राही अपने आशियानें को सजाकर हमर मयारू राजनांदगांव को सवारने का कार्य कर रहे है। उन्होनंे कहा कि वर्तमान मोर मकान मोर आस योजनांतर्गत वर्षो से किराये में निवासरत परिवारों को स्वयं का आवास उपलब्ध कराने निगम द्वारा प्रक्रिया की जा रही है। जिससे योजना का लाभ समाज के अंतिम पंक्ति के लोगों को भी मिल सके।
निगम आयुक्त डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी के कहा कि शासन के सहयोग से गरीब एवं जरूरतमंद परिवार जो वर्षो से अपने कच्चे घरो में मौसम की मार को सहते हुए मरम्मत कराकर उन्हें रहना पड़ता था ऐसे परिवारो को एक मजबूत सर्वसुविधायुक्त आवास निर्माण करने के लिये स्तरबद्ध भुगतान सीधे हितग्राहियों के खाते में कर के मानव जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने में सहयोग प्रदान किया है। इसी प्रकार मोर मकान मोर आस योजनांतर्गत निगम सीमाक्षेत्र में निर्मित एंव निर्माणाधीन आवासों में प्रति आवास की दर से लागत मूल्य पर अधिकतम 3 लाख 2 हजार 2 सौ 13 रूपये एवं न्यूनतम 2 लाख 67 हजार 9 सौ 71 रूपये में किराये के मकान में निवासरत पात्र हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराने प्रक्रिया की जा रही है। उन्हें सुविधा प्रदान करने बैक एवं फायनेंस कम्पनी से भी ऋण के लिये चर्चा की गयी है,ताकि योजना का लाभ मिल सके।

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