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राजनांदगांव 20 अक्टूबर 2022। छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग रायपुर के सदस्य श्री सोनल कुमार गुप्ता आज राजनांदगांव जिले के प्रवास पर रहे। इस दौरान जिले में संचालित शिक्षण संस्थाओं, छात्रावासों तथा बाल देखरेख संस्थाओं का निरीक्षण किया गया। जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित शासकीय बालिका सम्प्रेक्षण गृह का निरीक्षण किया गया। जहां बालिकाओं एवं कर्मचारियों से चर्चा की गई। गृह में आहार तालिका के अनुरूप बालिकाओं को नाश्ता, भोजन पर्याप्त मात्रा में मिलना पाया गया। गृह परिसर में साफ-सफाई एवं सीसीटीवी कैमरे चालू अवस्था में पाये गये। सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से सुरक्षाकर्मी भी तैनात थे। श्री सोनल कुमार गुप्ता ने कर्मचारियों को बालिकाओं के साथ बाल सुलभ व्यवहार रखने एवं अपनी नैतिक तथा सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते हुए बालिकाओं को संरक्षण प्रदाय करने के निर्देश दिए। आंगनबाड़ी केन्द्र 2 रविदास पेन्ड्री का निरीक्षण किया गया। जहां दर्ज बच्चे उपस्थित थे। जिन्हें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा खेल के माध्यम से शिक्षा दी जा रही थी। श्री गुप्ता ने आंगनबाड़ी केन्द्र में बच्चों को दिए जाने वाले भोजन को चखकर देखा तथा इसे कुपोषण नियंत्रण के लिए अच्छी पहल बताया। आदिम जाति एवं कल्याण विभाग द्वारा संचालित एकलव्य आवासीय विद्यालय एवं बालिका व बालक छात्रावास का निरीक्षण किया गया। जहां विद्यालय में पाक्सो बॉक्स लगा होना पाया गया किन्तु छात्रावासों में पाक्सो बॉक्स लगा होना नहीं पाया गया। जिस पर श्री सोनल कुमार गुप्ता द्वारा नाराजगी जाहिर करते हुए एक सप्ताह के भीतर में पॉक्सो बॉक्स लगाये जाने हेतु निर्देश दिए गए। छात्रावासों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखे जाने के निर्देश दिए गए।

स्वामी आत्मानंद विद्यालय डोंगरगांव का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान बच्चों से सम्पर्क कर वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली गई। बच्चों को मोबाईल के मोह से बचाव के संबंध में जानकारी दी गई। इसके अलावा बच्चों को राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का टोल फ्री नम्बर 18002330055 की जानकारी दी। शासकीय बालक सम्प्रेक्षण गृह के निरीक्षण के दौरान साफ-सफाई आहार तालिका अनुसार भोजन प्रदाय किया जाना एवं बालकों का पुर्नवास किया जाना सही पाया गया। श्री गुप्ता द्वारा गृह के कर्मचारियों को बाईजूस के माध्यम से बच्चों को शिक्षा प्रदान करते हुए अगामी परीक्षाओं में बालकों को शत-प्रतिशत शामिल करने के निर्देश दिए। विशेषीकृत दत्तक ग्रहण एजेंसी (मातृछाया सेवा भारती) के निरीक्षण के दौरान पालना शिशु केन्द्र को सात दिवस के भीतर व्यवस्थित करने निर्देशित किया गया। निरीक्षण के दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री आरके जाम्बुलकर, जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री चन्द्रकिशोर लाड़े, संरक्षण अधिकारी (गैर संस्थागत) श्री विनोद जंघेल, संरक्षण अधिकारी श्री किशन देवांगन एवं आदिम जाति कल्याण विभाग एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

By Amitesh Sonkar

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