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लक्ष्य निर्धारित कर सही दिशा में ईमानदारी से मेहनत कर आगे बढे़ : डॉ. त्रिलोक

  • तरुणोत्सव कार्यक्रम अंतर्गत कैरियर गाइडेन्स पर व्याख्यान

राजनांदगांव। केन्द्रीय विद्यालय, राजनांदगांव द्वारा आयोजित तरुणोत्सव कार्यक्रम अंतर्गत कैरियर गाइडेन्स पर व्याख्यान के अंतर्गत दसवीं से बारहवीं तक के 50 छात्र-छात्राओं को शासकीय दिग्विजय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. त्रिलोक कुमार ने मुख्य विषय विशेषज्ञ वक्ता के रुप में व्याख्यान दिया। डॉ. त्रिलोक ने बताया कि विद्यार्थियों को कैरियर के लिए किस प्रकार से योजना बनानी चाहिए, इसके लिए उन्होंने बताया कि अपने अंदर की क्षमता, पर्सनॉलेटी, स्कील, संसाधन, स्वयं की रूचि, संभावनाओं को जानने के पश्चात् लक्ष्य निर्धारित करने की आवश्यकता होती है। लक्ष्य निर्धारण पश्चात् लक्ष्य प्राप्ति हेतु सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए योजना तैयार कर पूर्ण ईमानदारी के साथ निर्धारित समयावधि में मेहनत करनी चाहिए। आगे बताया कि कैरियर का चुनाव करते समय किसी भी प्रकार के दबाव आकर फैसला नहीं लेना चाहिए और न ही जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेना चाहिए। लक्ष्य की प्राप्ति पश्चात सेवा में रहते समाज व देश के विकास में अपना योगदान दिया जाना चाहिए।

डॉ. त्रिलोक ने आगे योग्यता आधारित कैरियर तथा टेलैंट आधारित कैरियर के बारे में विस्तार से छात्र-छात्राओं को बताया। इनके द्वारा दसवीं तथा बारहवीं के पश्चात् विद्यार्थियों को आगे के पढ़ाई के लिए प्रवेश परीक्षा एवं भर्ती परीक्षा जैसे पॉलीटेक्निक, आई.टी.आई., पैरामेडिकल कोर्स, डी.एल.एड., ए.आई.ई.ई.ई./जॉवइन्ट इन्ट्रेन्स एक्जाम मेन्स व एडवान्स की परीक्षा, नीट परीक्षा,पी.ए.टी., (प्री. एग्रीकल्चर टेस्ट), बी.एव्ही.एस..सी. एमिनल हसबेन्ड्री एण्ड वेट्रीनरी साइंस, प्री.बी.एस.सी. नर्सिंग, प्री. बी.एड. परीक्षा, क्लेट परीक्षा, भारतीय रक्षा एकेडमी एंव भारतीय नौसेना एकेडमी परीक्षाकी जानकारी प्रदान की। आगे इन्होंने बताया कि बी.एस.सी. व बी.एस.सी. आनर्स, डी.सी.ए., पी.जी.डी.सी.ए., बी.सी.ए., डी. फार्मा, बी.फार्मा. करने के पश्चात् उच्च शिक्षा में एम.एस.सी., एम.सी.ए., एम. फार्मा कर सकते है। तत्पश्चात पी.एच.डी. की उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकते है। साथ ही साथ नई राष्ट्रीय शिक्षा निति 2020 एवं च्वाईस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम की जानकारी प्रदान की गयी। इसके अलावा होम्योपेथी, आयुर्वेदिक, यूनानी चिकित्सा, सिद्ध मेडिसिन के क्षेत्र में जाने के लिए क्रमशः बी.एच.एम.एस., बी.ए.एम.एस., बी.यू.एम.एस., बी.एस.एम.एस. कर सकते है।

डॉ. त्रिलोक ने राज्य प्रशासनिक सेवा एवं संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होने वाले विभिन्न परीक्षाओं के बारे में विस्तार से बताया गया। इस व्याख्यान में उपस्थित बच्चों के विभिन्न प्रश्नों व समस्याओं का समाधान बताया गया। इस व्याख्यान में केन्द्रीय विद्यालय की प्रभारी प्राचार्य श्रीमती सैनी एवं शिक्षकगण उपथित थें। इस कार्यक्रम हेतु दिग्विजय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. के. एल. टांडेकर ने बधाई दी एवं कहा की इस प्रकार के कार्यक्रम से विद्यार्थिंयो को लाभ होता है।

By Amitesh Sonkar

Sub editor

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