सात दिवसीय नैक क्राइटेरिया कार्यशाला संस्था में गवर्नेंस के लिए निति बनायेः डॉ अग्रवाल
- दिग्विजय में प्रगति पर है सात दिवसीय नैक क्राइटेरिया आधारित कार्यशाला
राजनांदगांव। आतंरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ, शा. दिग्विजय महाविद्यालय एवं कला एवं विज्ञानं महाविद्यालय पुलगांव महाराष्ट्र के संयुक्त तत्वाधान में सात दिवसीय नैक मूल्यांकन नवीन निर्देशिका एवं जागरूकता पर आधारित कार्यशाला प्रगति पर है। ऑफलाइन माधयम से महाविद्यालय के प्राध्यापक एवं कर्मचारी भाग ले रहे है वही ऑनलाइन माध्यम से महाविद्यालयीन प्राध्यापक रोजाना यूट्यूब लाइव एवं ऑनलाइन माध्यम से जुड़ रहे है।
इसी कड़ी में नैक के छठे क्राइटेरिया आधारित महाविद्यालयीन गवर्नेंस लीडरशिप एवं प्रबंधन विषय पर शा. दूधाधारी बजरंग कन्या महाविद्यालय रायपुर की डॉ. उषा किरण अग्रवाल ने अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. के. एल. टांडेकर के स्वागत उद्बोधन से किया।
डॉ. अग्रवाल ने क्राइटेरिया छह के विभिन्न बिन्दुओ को तथ्यों के माध्यम से प्रस्तुत किया। डॉ. अग्रवाल ने बताया की नैक, महाविद्यालय के गवर्नेंस से संस्था का मूल्यांकन करती है।जिसके अंतर्गत संस्था में कार्यों का विभाजन, लक्ष्य का निर्धारण, कार्य करने हेतु रणनीति निर्धारण, संसाधनों का उपयोग, बजट का निर्धारण, गवर्नेंस में इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों का उपयोग, अधिकारी कर्मचारियों की भलाई के लिए बनाये गए निति, सेमिनार कार्यशालाओं का आयोजन, वित्त ऑडिट आदि जैसे बिन्दुओ को उदहारण देकर व्याख्यान में समझाया गया।
कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य डॉ. के. एल. टांडेकर ने बताया की किसी भी संस्था के उन्नति एवं प्रगति के लिए कुशल गवर्नेंस एवं प्रबंधन की आवश्यकता होती है। डॉ. टांडेकर ने अतिथि का मोमेंटो प्रमाण पत्र एवं पौधे के माध्यम से आभार प्रदर्शित किया। कार्यक्रम का संचालन आतंरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ की डॉ. अनीता साहा ने किया।

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