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लक्ष्य क्लीयरिटी के साथ तय नहीं हो, तो फिर किसी भी मिशन की तैयारी का कोई मतलब नहीं रह जाता : कुलपति प्रो. (डॉ.) निगम

  • शंकराचार्य यूनिवर्सिटी में द्वितीय स्थापना दिवस की रही धूम 

भिलाई। श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी भिलाई द्वारा 09 जून को अपना द्वितीय स्थापना दिवस का कार्यक्रम मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भिलाई कुलाधिपति श्री आई. पी. मिश्रा, अति विशिष्ट अतिथि महानिदेशक श्रीमती जया मिश्रा, एवं विशिष्ट अतिथि श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भिलाई कुलसचिव श्री पी. के. मिश्रा, की गरिमामयी उपस्थिति रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भिलाई कुलपति प्रो. (डॉ.) .एस. निगम ने किया।

कार्यक्रम में स्वागत व्यक्तव्य कुलसचिव श्री पी. के. मिश्रा ने यूनिवर्सिटी के दुसरे स्थापना दिवस पर यूनिवर्सिटी परिवार को बधाई देते हुए छात्रों से कहा कि यूनिवर्सिटी का लक्ष्य एक्सिलेंस इन एजुकेशन प्रदान करने हेतु निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री में हर रोज नए-नए बदलाव हो रहे हैं, जिसके लिए अपने आप को अपडेट रखना जरूरी है। एक स्टूडेंट्स के लिए जितना जरूरी किताबें पढ़ना है उतना ही जरूरी इंडस्ट्री पर नजर रखना भी है।

कार्यक्रम के इस अवसर पर कुलाधिपति श्री आई.पी. मिश्रा जी ने ऑनलाइन माध्यम से अपने उद्बोधन में कहा कि यूनिवर्सिटी ने अपने नाम की अनुरूपता को स्थापना दिवस पर हुए कार्यक्रम में साकार करने का कार्य किया है। तात्पर्य यह कि भारतीय संस्कृति में किसी भी नाम का मतलब बिना अर्थ के नहीं होता। नाम के पीछे कुछ ऐसा छुपा रहता है जो उसकी सार्थकता को प्रमाणित करता है। यूनिवर्सिटी श्री शंकराचार्य जी के व्यक्तित्व और कृतित्व को सार्थक करने का पूरा-पूरा प्रयास कर रही है। साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन का धन्यवाद देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में शिक्षा के लिए बेहतर वातावरण प्रदान कर रही है उनके सार्थक सहयोग से हम मध्यभारत का गुणवत्तापूर्ण यूनिवर्सिटी संचालित कर पा रहें हैं।

विशिष्ट अतिथि श्रीमती जया मिश्रा ने अपने भाषण में कहा कि यूनिवर्सिटी बरगद के वृक्ष की तरह होती है जिसकी हर एक शाखा नए वृक्ष का रूप ले लेने में सक्षम होती है। साथ ही उन्होंने कहा कि समाज उन्नयन के हर क्षेत्र में श्री शंकराचार्य यूनिवर्सिटी अगुवा के रूप में कार्य करें जिससे विश्व बंधुत्व जैसी उदात्त भावनाओं की उपजाऊ भूमि के रूप में स्थापित हो सकें। स्थापना दिवस को गरिमा प्रदान करते हुए महानिदेशक श्रीमती जया मिश्रा ने प्रावीण्य सूची में आने वाले छात्रों के लिए छात्रवृति की घोषणा की।

जीवन में सफलता तभी मिलेगी, जब आपका लक्ष्य निर्धारित हो। इसके अभाव में आपकी सारी मेहनत बेकार है। स्थापना दिवस पर अध्यक्षीय उद्बोधन में उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए प्रो. निगम ने यह बातें कही। उन्होंने कहा कि यदि लक्ष्य क्लीयरिटी के साथ तय नहीं हो, तो फिर किसी भी मिशन की तैयारी का कोई मतलब नहीं रह जाता। यदि आप जिम्मेवारी के साथ आगे बढ़ेंगे, तो सिर्फ समाज ही नहीं पूरी कायनात आपके सहयोग के लिए आगे आ जाएगी। लेकिन बिना प्रयास किए आप सिर्फ यह सोचकर बैठे रहेंगे कि लोग स्वत: मदद करेंगे, तो आप इंतजार करते रह जाएंगे और गाड़ी छूट जाएगी। डिग्री व विद्वता दोनों में काफी फर्क है। विद्वान बनने के लिए अच्छी पुस्तकों का गहन अध्ययन जरूरी है। उन्होंने बताया कि श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भिलाई केवल शिक्षा पर ही केंद्रित नहीं है बल्कि यह 360 डिग्री के तरीके से काम करता है। यह आपके अन्दर सभी तरह के नेतृत्व, टीम वर्क, दृढ़ संकल्प, लचीलापन, आत्मविश्वास, सम्मान इत्यादि जैसे व्यक्तिगत गुणों का विकास करने का काम करता है ताकि आप एक बहुमुखी व्यक्ति के रूप में विकास कर सकें। कुलपति महोदय ने कहा कि हम समय के अनुरूप अध्ययन के साथ-साथ खेल, लेखन, कला, नृत्य, संगीत आदि जैसे अन्य क्षेत्रों को भी बराबरी का दर्जा देने का प्रयास कर रहे हैं, साथ ही हमारा लक्ष्य एक समग्र शिक्षण वातावरण बनाने पर केंद्रित है।

इस अवसर पर श्री विनय पीताम्बरन, उप-कुलसचिव ने यूनिवर्सिटी के दो वर्षों के शानदार उपलब्धियों को विद्यार्थियों एवं उपस्थित अतिथियों के समक्ष रखा। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के सत्र-2020-21 एवं 2021-22 में प्रावीण्य सूची में उत्तीर्ण 120 छात्र-छात्राओं एवं विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में सफल 30 छात्र-छात्राओं को को प्रशस्ति प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

तत्पश्चात विद्यार्थियों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई, जिसमें शानदार एकल गायन अमनदीप, अखिल एवं विनय पीताम्बरन, उपकुलसचिव ने गया । एकल नृत्य भूमिका त्रिपाठी प्रियांशु कुर्रे आस्था त्रिपाठी, कृष्णा बहेती एवं मनजोत द्वारा प्रस्तुति दी गई। युगल नृत्य आस्था त्रिपाठी, कृष्णा बहेती ने किया वही समूह नृत्य पत्रकारिता एवं जनसंचार के छात्रों राखी भंडारी एवं उनके समूह द्वारा छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध गीत “डरा लोर गे हे रे” पर दिया गया एवं अभिनय नुक्कड़ क्लब के सदस्यों ने “मोबाईल प्रयोग के बढ़ते खतरे” पर अपनी उत्कृष्ट अभिनय की प्रस्तुति दी साथ ही तुलसी ने मोनो एक्ट व रागिनी ने वीर रस की कविता प्रस्तुत की. कार्यक्रम का संचालन आरुषी जायसवाल बीटेक कंप्यूटर साइंस द्वितीय सेमेस्टर एवं इशिता बिस्वास, बीबीए द्वितीय सेमेस्टर द्वारा एवं आभार प्रदर्शन प्रो.(डॉ.) शिल्पी देवांगन, अकादमिक समन्वयक ने किया गया। स्थापना दिवस के गरिमामयी क्षण पर गणमान्य नागरिकों, विद्यार्थियों, प्राध्यापकों, कर्मचारियों एवं अधिकारीयों की उपस्थिति रही।

By Amitesh Sonkar

Sub editor

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