राजनांदगांव। विश्व शांति एवं मानव सेवा के जनकल्याण के लिए समर्पित बर्फानी सेवाश्रम समिति द्वारा देश के प्रसिद्ध संत श्रीश्री 1011 योगाधिराज ब्रम्हर्षि बर्फानी दादा जी की कृपा प्रेरणा आशीर्वाद व संकल्प अनुसार मां पाताल भैरवी सिद्धपीठ स्थित बर्फानी धाम में देश के गिने चुने स्थानों में स्थापित पारा के शिवलिंग में से विशाल शिवलिंग जो कि 151 किलो वजन के गुरु पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर विराजित किये जाएंगे। इसके लिए संस्था द्वारा हाल ही में चार धाम यात्रा कर चारों धामों के दर्शन व जल संग्रहित कर लाया गया है। यात्रा की पूर्णाहुति भगवान सत्यनारायण कथा व भंडारा प्रसादी के साथ मां पाताल भैरवी सिद्धपीठ में संपन्न हुई।
संस्था के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा ‘गन्नू’ ने बताया कि अंचल सहित देशभर में पहचान बना चुकी गर्भगृह में विराजमान काली स्वरूपनी मां पाताल भैरवी राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दस महाविद्या द्वादश ज्योर्तिलिंग शिव शक्ति सिद्धपीठ की स्थापना गुरुदेव श्री बर्फानी दादा जी के मार्गदर्शन व आशीर्वाद से की गई थी। जिसमें तीन लोकों में मां पाताल भैरवी, मां राज राजेश्वरी, त्रिपुर सुंदरी, दस महाविद्या, आदिदेव महादेव के साथ ही द्वादश ज्योर्तिलिंग की स्थापना की गई थी। इसके अलावा अंचल में सबसे बडे विशाल स्फटिक शिवलिंग को विराजित किया गया है। श्री बर्फानी दादा जी व संस्था के पदाधिकारियों के संकल्प अनुसार श्री बर्फानी धाम में पारा के शिवलिंग की स्थापना की जानी थी। इस हेतु देश के प्रसिद्ध हरि के द्वार हरिद्वार में पारा के विशाल व अंचल सहित देश के गिने चुने स्थानों में स्थापित शिवलिंगों में अपनी भव्यता प्रदान करते हुए 151 किलो वजन व 18 इंच ऊंचे व ढाई फीट व्यास के शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा गुरु पूर्णिमा के अवसर पर पांच दिवसीय आयोजन के तहत की जाएगी। इस हेतु संस्था के अध्यक्षश्री राजेश मारू, सचिव गणेश प्रसाद शर्मा ‘गन्नू’, महामंडलेश्वर गोविंद दास, कमलेश सिमनकर व इच्छा शंकर त्रिपाठी द्वारा सनातन धर्म अनुसार हिमालय की गोद में विराजीत मां यमुनोत्री, मां गंगोत्री, भगवान भोलेनाथ के द्वादश ज्योर्तिलिंगों में से एक भगवान केदारनाथ व बद्रिनाथ स्थित भगवान बद्री विशाल के दर्शन पूजन के साथ ही हिमालय की वादियों से निकली मां यमुनोत्री, मां गंगोत्री, मां सरस्वती व अलखनंदा के पवित्र जल को संग्रहित कर लाया गया है। जिससे श्री बर्फानी पारेश्वर महादेव का प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अभिषेक व पूजन किया जाएगा। चारधाम यात्रा के पूर्व संस्था के सदस्यों ने देश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल भगवान राम की पुजनीय भूमि चित्रकुट व वेदव्यास जी द्वारा कथा का प्रारंभ करने की भूमि नेमशसरण के भी दर्शन कर इस अनुष्ठान के लिए आशीर्वाद मांगा गया। 18 मई से प्रारंभ हुई यह यात्रा 29 मई को संपन्न हुई। तत्पश्चात राजनांदगांव स्थित बर्फानी धाम में 1 जून को पौराणिक मान्यताओं व धर्मानुसार भगवान सत्यनारायण की कथा व भंडारा प्रसादी पश्चात इस यात्रा पूर्ण हुई। कथा श्रवण व भंडारा प्रसादी के अवसर पर संस्था के अध्यक्ष राजेश मारु, उपाध्यक्ष दीपक जोशी, सचिव गणेश प्रसाद शर्मा ‘गन्नू’, कोषाध्यक्ष नीलम जैन, महंत गोविंद दास, गुरुचरण सिंह छाबड़ा, महेन्द्र लुनिया, आलोक जोशी, सूरज जोशी, कुलबीर छाबड़ा, आलोक बिंदल, योगेन्द्र पांडे, कमलेश सिमनकर, संतोष खंडेलवाल, दामोदर अग्रवाल, लीलाधर सिंह, बलविंदर सिंह भाटिया, मनीष परमार, संजय खंडेलवाल ने सहयोग प्रदान किया। इस अवसर पर सैंकड़ों भक्तजनों ने भंडारा प्रसादी ग्रहण किया।
