शिक्षा की गुणवत्ता का विकास हेतु बौद्धिक संपदा अधिकार पर कार्यशाला का आयोजन
- दिग्विजय महाविद्यालय के विकास में प्राध्यापकों का विशेष योगदान : प्राचार्य डॉ. टांडेकर
राजनांदगांव। शासकीय दिग्विजय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, प्राचार्य डॉ. के. एल. टांडेकर के मार्गदर्शन एवं भौतिक शास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. प्रीति बाला टांक और सहायक प्राध्यापक डॉ. सुरेश पटेल के नेतृत्व में भौतिक शास्त्र विभाग द्वारा सेंट थॉमस कॉलेज भिलाई के सहयोग से बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम भौतिक शास्त्र विभाग के छात्रों द्वारा सेंट थॉमस कॉलेज भिलाई से आए हुए छात्रों को पूरे महाविद्यालय का भ्रमण कराया गया। सर्वप्रथम विद्यार्थियों ने दिग्विजय राजा का त्याग एवं उनकी दानशीलता के बारे में बताया। कॉलेज परिसर में मौजूद विभिन्न मंदिरों को भ्रमण किया। विद्यार्थियों ने महाविद्यालय में संचालित विभाग भ्रमण के दौरान सभी विभाग के विभागाध्यक्ष का पूर्ण सहयोग रहा इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष श्री शैलेन्द्र सिंह, रसायन शास्त्र के विभागाध्यक्ष श्री युनूस रजा बेग, जूलॉजी विभागाध्यक्ष श्रीमती उषा ठाकुर, बॉटनी विभागाध्यक्ष डॉ.अनिता माहेश्वरी, गणित विभागाध्यक्ष डॉ. शबनम खान, अंग्रेजी विभाग विभागाध्यक्ष डॉ. अनिता शंकर ने सहयोग दिया।
जिसके बाद बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) पर कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि दिग्विजय महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. के.एल टांडेकर एवं सेंट थॉमस कॉलेज भिलाई के भौतिक शास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापक श्री अमित कुमार ताम्रकर एवं मुख्य रूप से सहायक प्राध्यापक तुलिका हर्षिता, सहायक अध्यापक रोजन जोए, सहायक प्राध्यापक व लैब टेक्नीशियन जयशंकर आचारी रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना और छत्तीसगढ़ के राजकीय गीत से हुआ। विभाग के छात्रों द्वारा महाविद्यालय से जुड़ी लघु फिल्म दिखाया गया, जिसमे महाविद्यालय के इतिहास से लेकर वर्तमान परिदृश्य के बारे में जानकारी दी।
इसी कड़ी में भौतिक शास्त्र विभाग की विभागध्यक्ष डॉ. पी. बी. टांक ने कार्यक्रम की संक्षिप्त जानकारी दी, और सेंट थॉमस कॉलेज भिलाई के प्राध्यापक एवं छात्रों का भौतिक शास्त्र विभाग एवं महाविद्यालय द्वारा स्वागत किया।
सेंट थॉमस महाविद्यालय, भौतिक शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष अमित कुमार ताम्रकार ने अपने विचार रखते हुए कहा कि हमने कॉलेज परिषद देखा – जाना’ महल भी भ्रमण किया साथ ही महाविद्यालय की कार्यप्रणाली एवं व्यवस्था की सराहना की।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. के.एल. टांडेकर द्वारा अतिथियों का स्वागत किया। और संबोधित करते हुए यह भी कहा कि दिग्विजय महाविद्यालय के सभी विभागों में से भौतिक शास्त्र विभाग एक अनोखा विभाग हैं जो अपनी एक अलग पहचान लिए हुए है और छात्रों का उत्साहवर्धन किया। एवं महाविद्यालय के बारे में बताते हुए कहां की महाविद्यालय जिस रूप में विकसित है उसमें प्राध्यापकों का विशेष योगदान रहा है। महाविद्यालय पढ़ाई के साथ – साथ अन्य गतिविधियों में भी सक्रिय हैं।
भौतिक शास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. सुरेश पटेल द्वारा बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) पर एक संक्षिप्त विवरण दिया गया। जिसमें आठ मुख्य बातों पर चर्चा की गई। जिनमें मुख्य बिंदु Copyright, Patents, Trade Marks इत्यादि पर चर्चा किया। साथ ही विद्यार्थियों को बताया की किस प्रकार हम प्रमुख बिंदु को अपने जीवन में अमल कर सकते हैं।
इसके पश्चात सेंट थॉमस कॉलेज से आए विद्यार्थी एवं अतिथियों ने भौतिक शास्त्र विभाग के लैब का भ्रमण किया। एम. एस.सी. के छात्रों द्वारा 5 प्रोजेक्ट बनाया गया था। जिसको रुसा भवन मॉडल में इंप्लीमेंट किया गया और सभी छात्र छात्राओं ने मॉडल की विस्तृत जानकारी दी। अंत में भौतिक शास्त्र विभाग के पायल, हिमेश्वरी, जितेश्वरी, सोनम, नोमन, रूपेश, ऋषभ, नरेश, सुलेखा, अंकित, पायल शोयीबा, पारसमणी छविकान्त मनोज, कुसुम, मनीष, चित्रलेखा, दिलीप द्वारा हसदेव बचाव पर एक नुक्ककड़ नाटक प्रस्तुत किया गया।
विभाग के सहायक प्राध्यापक श्री लेखा प्रसाद उर्वशा ने आभार व्यक्त किया और कार्यकम की सम्पति की घोषणा की। कार्यक्रम में दिग्विजय महाविद्यालय एवं सेंट थॉमस महाविद्यालय के विद्यार्थियों सहित प्राध्यापक उपस्थित थे।

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