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राजनांदगांव। खैरागढ़ उपचुनाव के निर्वाचन कार्य में लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है। दरअसल 12 अप्रैल को नियत मतदान के लिए सोमवार को पोलिंग पार्टियों की रवानगी जिला मुख्यालय से की गई। लेकिन जिन बसों में मतदान दलों को रवाना किया गया। उन बसों में इंधन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी। जिसकी वजह से मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर जाते ही बसों के पहिए थम गए और पोलिंग पार्टियों को भरी गर्मी में घंटों लेटलतीफी की परेशानी से दो-चार होना पड़ा। यहां पर सवाल यह उठता है कि निर्वाचन जैसे अति महत्वपूर्ण कार्य में इस तरह की लापरवाही आखिर कैसे हुई? इस मामले में संबंधित अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी?

पहले का भुगतान नहीं इसलिए शहरी पेट्रोल पंप संचालकों ने नहीं दिखाई रुचि
प्रशासनिक सूत्रों की माने तो निर्वाचन कार्य के लिए इंधन पूर्ति हेतु इच्छुक पेट्रोल पंप से करार किया जाता है। लेकिन इस बार शहर के पेट्रोल पंप संचालकों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई। ऐसे में प्रशासन ने शहर से बाहर पेट्रोल पंप से करार किया। बताया जाता है कि पिछले निर्वाचन में इंधन भुगतान को लेकर हुई परेशानी की वजह से इस बार पेट्रोल पंप संचालकों ने इंधन पूर्ति में रुचि नहीं दिखाई। जिसकी वजह से समय रहते बसों में इंधन की पूर्ति नहीं हुई और पहिए बीच रास्ते में ही थम गए। इधर कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी तारन प्रकाश सिन्हा ने मीडिया से चर्चा में कहा कि एक दो वाहन में इंधन की छुटपुट समस्या हुई थी जिसका जल्द से जल्द निवारण कर लिया गया। सभी पोलिंग पार्टियां समय पर अपने अपने निर्धारित मतदान केंद्रों पहुंच गई है।

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