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नेशनल रिसर्च फाउंडेशन देश में अनुसंधान परितंत्र को सुदृढ़ बनाएगा, आखिर कैसे जानिए
-एनआरएफ ने अनुसंधान एवं विकास, शिक्षा क्षेत्र तथा उद्योग के बीच समन्‍वय की परिकल्‍पना की
-सरकार ने एनईपी-2020 के तहत शिक्षा, अनुसंधान एवं कौशल विकास में क्षेत्रीय भाषाओं के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए

xreporter news: 26 JUL 2021 by PIB Delhi
सरकार देश में अनुसंधान परितंत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए एक राष्‍ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ) का गठन करने का प्रस्‍ताव करती है। एनआरएफ की परिकल्‍पना एक व्‍यापक संरचना के रूप में की जा रही है, जो अनुसंधान एवं विकास, शिक्षा क्षेत्र तथा उद्योग के बीच संपर्कों में सुधार लाएगी। राष्‍ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन का प्रस्‍तावित कुल परिव्‍यय पांच वर्ष के अवधि के दौरान 50,000 करोड रुपये है।

एनआरएफ के मुख्‍य उद्देश्‍यों में से एक शै‍क्षणिक संस्‍थानों, विशेष रूप से विश्‍वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों, जहां अनुसंधान क्षमता वर्तमान में आरंभिक चरण में है, में अनुसंधान को बढ़ावा देना, विकसित करना तथा सुविधा प्रदान करना है। यह उच्‍च-प्रभाव, व्‍यापक स्‍तर, बहु-अन्‍वेषक, बहु-संस्‍थानऔर कुछ मामलों में संबंधित मंत्रालयों, विभागों एवं अन्‍य सरकारी तथा गैर-सरकारी निकायों, विशेष रूप से उद्योग के सहयोग से अंत:विषयी या बहु-राष्‍ट्रीय परियोजनाओं का वित्‍त पोषण एवं सहायता करेगा।

सरकार ने 34 वर्षों के अंतराल के बाद 29.07.2020 को राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 (एनईपी) की घोषणा की। इस नीति में शिक्षा क्षेत्र में रूपांतरकारी परिवर्तन की परिकल्‍पना की गई है। इस संबंध में एक प्रमुख अनुशंसाओं में शिक्षा में क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देना तथा उनका अधिक से अधिक उपयोग करना है। इस संबंध में सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिनमें शामिल हैं :

1.   मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए एनईईटी परीक्षा, जिसका संचालन 11 भाषाओं में किया जा रहा था, अब 13 भाषाओं में किया जाएगा।

2.  जेईई (मेन) जिसका संचालन तीन भाषाओं में किया जा रहा था, अब 13 भाषाओं में किया जाएगा।

3.  पायलट आधार पर 2021-22 के शैक्षणिक सत्र से कुछ विशेष एआईसीटीई अनुमोदित संस्‍थानों में 8 क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा।

4.  स्‍वयं प्‍लेटफॉर्म, जो विज्ञान, इंजीनियरिंग एवं टेक्‍नोलॉजी, हुमैनटिज तथा सामाजिक विज्ञान, कानून, प्रबंधन आदि जैसे विषयों में ऑनलाइन कोर्स की पेशकश करता रहा है, के तहत क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रमों के लिए संदर्भ सामग्रियों का अनुवाद।

5.  ऐसे संस्‍थानों के लिए जो क्षेत्रीय भाषाओं में प्रोग्राम के संचालन के लिए आवेदन करना चाहते हैं, एआईसीटीई हैंडबुक (अप्रुवल प्रोसेस हैंडबुक 2021-22)।

6.  ग्रामीण क्षेत्र में और अधिक संख्‍या में छात्रों की सुविधा के लिए अंग्रेजी भाषा ऑनलाइन पाठ्यक्रमों को हिन्‍दी, बंगाली, मराठी, तेलुगु, तमिल, गुजराती, कन्‍नड, मलयालम, पंजाबी, असमी, एवं उडिया जैसी 11 विभिन्‍न भाषाओं में अनुदित करने के लिए ‘एआईसीटीई ट्रांसलेशन ऑटोमेशन आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्‍स टूल’।

7.  1000 किताबों को हिन्‍दी में प्रकाशित करने के लिए हरियाणा सरकार तथा एआईसीटीई के बीच एमओयू किया गया है।

8.  स्‍टूडेंट इंडक्‍शन प्रोग्राम (एसआईपी), जो इंजीनियरिंग में प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए करीकुलम का एक अनिवार्य हिस्‍सा है, अब क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्‍ध कराया जा रहा है।

यह जानकारी आज लोकसभा में केन्‍द्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्‍द्र प्रधान द्वारा दी गई।

By Karnkant Shrivastava

B.J.M.C. Chief Editor Mo. No. 9752886730

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