बिना भाव के दान, शील व तप का कोई महत्व नहीं : अभिषेक मुनि
राजनांदगांव। अभिषेक मुनि ने कहा कि भाव के बिना किसी भी क्रिया का कोई महत्व नहीं होता। इसी तरह बिना भाव के दान, शील व तप का भी कोई महत्व नहीं होता। उन्होंने कहा कि यदि आपको सुख चाहिए और दुख से कोई वास्ता नहीं रखना चाहते तो आप मोक्ष का लक्ष्य बनाओ और उसी को प्राप्ति के लिए आगे बढ़ते जाओ।
मुनिश्री ने कहा कि इसके लिए आप अपने भीतर से प्रभाव को बाहर निकालो। अहंकार के प्रभाव से बाहर निकलो। आग के सामने मोम रख दो तो वह ज्यादा देर तक कठोर नहीं रह सकता। इसी तरह आप परमात्मा के करीब जाओगे तो आपका अहंकार भी पिघलता जाएगा। उन्होंने कहा कि मन में यह विचार होना चाहिए कि मैं कुछ भी नहीं, जो कुछ है वह परमात्मा है। आपके भीतर यदि अहंकार, विषय – वासना, मान, मोह व लोभ का नशा है तो इसे निकाल फेंको ।

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