IMG-20241026-WA0010
IMG-20241026-WA0010
previous arrow
next arrow

जिले में सघन सुपोषण अभियान के मिल रहे प्रभावी परिणाम

  • मानपुर में गंभीर कुपोषण से बाहर आये सभी बच्चे, छुईखदान में तेजी से सुपोषण की दिशा में बढ़े कदम
  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर बच्चों को टिफिन में नाश्ता एवं खाना पहुंचाया जा रहा, आंगनबाड़ी केन्द्रों में भी दिया जा रहा अतिरिक्त पौष्टिक आहार
  • छुईखदान विकासखंड के 272 गंभीर कुपोषित बच्चों के वजन एवं 172 एनीमिक गर्भवती माता के हिमोग्लोबिन में हुई बढ़ोत्तरी
  • कलेक्टर के निर्देशानुसार बच्चों का प्रति 15 दिवस में की जा रही स्वास्थ्य जांच
  • सामुदायिक सहभागिता के साथ स्वयंसेवी संस्थाएं, यूनीसेफ, एम्स द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा कार्य

राजनांदगांव 10 जनवरी 2022। जिले में सघन सुपोषण अभियान के प्रभावी परिणाम आ रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा मानपुर, मोहला एवं छुईखदान विकासखण्ड में कुपोषण दूर करने के लिए विशेष अभियान चलाया गया। यह केवल एक अभियान नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में सुपोषण के लिए जागृति की लहर है। इसके माध्यम से सुदूर वनांचल क्षेत्रों तक कुपोषण को दूर करने के लिए व्यापक तौर पर कार्य किए गए। इस मुहिम से सामुदायिक सहभागिता के साथ स्वयंसेवी संस्थाएं, यूनीसेफ, एम्स को जोडऩे से गति मिली। कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा के मार्गदर्शन में इन चिन्हांकित विकासखंडों में कुपोषण को दूर करने के लिए लगातार कार्य किये जा रहे हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर बच्चों को टिफिन में नाश्ता एवं खाना पहुंचाया जा रहा है और केन्द्रों में भी अतिरिक्त पौष्टिक आहार दिया जा रहा है। सघन सुपोषण के लिए की गई मेहनत रंग लाई और मानपुर विकासखंड में गंभीर कुपोषित बच्चों में से ज्यादातर सामान्य श्रेणी में आ गए। कलेक्टर के निर्देशानुसार बच्चों का प्रति 15 दिवस में स्वास्थ्य जांच की जा रही है। मानपुर में नवाचार करते हुए बच्चों को रेडी-टू-ईट व्यंजन बनाकर खिलाया जा रहा है। छुईखदान एवं मोहला विकासखंड में इस दिशा में लगातार कार्य किये जा रहे हैं। गंभीर कुपोषित बच्चों एवं गर्भवती एनीमिक माताओं का चिन्हांकित कर उनके सुपोषण की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है।

कलेक्टर श्री सिन्हा के विशेष प्रयासों से इन क्षेत्रों में सुपोषण के लिए कार्य किया जा रहा है। छुईखदान विकासखंड के 272 गंभीर कुपोषित बच्चों के वजन में बढ़ोतरी हुई। गंभीर से मध्यम में आए बच्चों की संख्या 126 एवं मध्यम से सामान्य में आए बच्चों की संख्या 22 है। जिले में 433 एनीमिक गर्भवती महिलाएं है। जिसमें 300 एनीमिक गर्भवती माता जिनकी प्रसव हो चुका है तथा 172 एनीमिक गर्भवती माता की हिमोग्लोबिन में बढ़ोत्तरी हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं ग्राम पंचायत के माध्यम से सुपोषण के लिए जागरूक किया जा रहा है। कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती रेणु प्रकाश ने बताया कि बच्चों को एवं एनीमिक माताओं को प्रतिदिन नाश्ता एवं भोजन दिया जा रहा है। जिसकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। स्वयं सेवी संस्थाओं तथा सामुहिक सहभागिता से इस अभियान को गति मिली है। पौष्टिक भोजन में बच्चों एवं माताओं को चिक्की, अंडा, फल एवं पौष्टिक आहार दिया जा रहा है।

By Amitesh Sonkar

Sub editor

error: Content is protected !!