फोटो: जिला अस्पताल बसंतपुर में खाली पड़ी मिली कोविड जांच करने वाले डीएमएफ कर्मियों की कुर्सी।
राजनांदगांव। डीएमएफ कर्मियों के लंबित मानदेय भुगतान मामले के चलते कोविड-19 सुरक्षा व जांच सेवाएं प्रभावित होने लगी है। शनिवार को शहर के कोविड जांच सेंटर में सन्नाटा पसरा रहा। ऐसे में मरीज चेकअप के लिए भटकते नजर आए।
छ.ग. प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष सत्यम हुमने ने कहा कि तीन महीने से मानदेय नहीं मिलने से नाराज डीएमएफ कर्मियों ने शनिवार और रविवार दो दिनों का सामूहिक रूप से अवकाश ले रखा है। कर्मियों के अवकाश पर चले जाने से शहर के कोविड जांच सेंटर बंद पड़ गए है। मरीजों को कोविड जांच की सुविधा नहीं मिल पा रही है। कोविड की तीसरी लहर और ओमीक्रोन वेरिएंट के बढ़ने की आशंका के बीच प्रशासनिक लचरता से उपजी इस समस्या से आने वाले समय में बड़े नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए अफसरों को इस मसले पर गंभीरता से ध्यान देने की जरुरत है।
एसडीआरएफ के अधीन होने के समय में नहीं हो रही थी ऐसी दिक्कत
श्री हुमने के मुताबिक डीएमएफ कर्मियों को शुरुआत से नियमित मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है। ऐसे में कर्मियों को आर्थिक दिक्कत से जूझना पड़ रहा है। घर किराया, भोजन यहां तक की गाड़ी में ईंधन भरवाने के लिए भी कर्मियों को उधार मांगना पड़ रहा है। कोविड की शुरुआत में State Disaster Response Fund (SDRF) के अधीन रखा गया था, उस समय ऐसी दिक्कत नहीं हो रही थी। नियमित रूप से मानदेय का भुगतान किया जा रहा था। बाद में कर्मियों को डीएमएफ के अधीन किया गया, इसके बाद से नियमित भुगतान नहीं होने की दिक्कत शुरू हो गई।
नहीं दिया जा रहा इनसेंटिव
श्री हुमने के मुताबिक डीएमएफ कर्मी जिले के दूर दराज के रहने वाले है। 10 से 14 हजार रुपए के बीच महीने में उन्हें मानदेय दिया जाता है। डीएमएफ कर्मी कोविड जांच व सुरक्षा कार्य में निरंतर सेवाएं दे रहे है। दूसरे राज्यों में प्रति कोविड जांच के पीछे कर्मियों को अलग से इनसेंटिव दिया जा रहा है, लेकिन यहां कर्मियों को इनसेंटिव देने की शुरुआत नहीं की गई है। इनसेंटिव की मांग लेकर कर्मियों ने जिला प्रशासन को आवेदन दिया, लेकन इस पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है।
रात में भेजा गया कुछ कर्मियों का मानदेय
श्री हुमने के मुताबिक सीएमएचओ द्वारा दुर्व्यवहार किए जाने का मामला वेब मीडिया और सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद शुक्रवार रात को ही कुछ कर्मियों के बैंक एकाउंट में मानदेय राशि का ट्रांसफर किया गया। कुछ कर्मियों को अभी तक राशि नहीं मिल पाई है। गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग के अधीन कोविड-19 सुरक्षा कार्य के लिए जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) मद से रखे कर्मियों को पिछले तीन महीने से मानदेय नहीं मिला है। शुक्रवार शाम को कुछ कर्मी लंबित मानदेय भुगतान की मांग लेकर छ.ग. प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष सत्यम हुमने अगुवाई में सीएमएचओ कार्यालय पहुंचे थे। सीएमएचओ ने कर्मियों के मांग को अनसुना कर दिया, उलटा खरीखोटी सुना दी थी। संघ के जिला अध्यक्ष सत्यम हुमने सीएमएचओ डॉ. मिथलेश चौधरी पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है।
——-
