राजीव दीक्षित जयंती एवं बलिदान दिवस पर स्वदेशी चिंतन संगोष्ठी का हुआ आयोजन
- राजीव दीक्षित के दिखाए रास्ते पर चलने का लिया संकल्प
राजनांदगांव। अमर शहीद राजीव भाई दीक्षित जयंती एवं बलिदान दिवस पर गौ नेचुरल, बाबा फतेह सिंह हॉल के पास स्टेडियम रोड अनुपम नगर राजनांदगांव में स्वदेशी चिंतन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में राजीव भाई दीक्षित द्वारा बताए गए स्वदेशी विचारों पर चर्चा की गई और राजीव भाई के विचारों व उनके दिखाए रास्ते को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया गया। संगोष्ठी का शुभारंभ राजीव भाई के चित्र पर पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर प्रोजेक्टर के माध्यम से राजीव भाई के वीडियो एवं उनकी जीवनी तथा स्वदेशी के लिए चलाए गए अभियानों के बारे में बताया गया। साथ ही राजीव भाई के गौ, शिक्षा, आयुर्वेद, आजादी जैसे विभिन्न विषयों पर उनके व्याख्यानों का श्रवण किया गया। उपस्थित सभी नागरिकों ने स्वदेशी के प्रति अपने विचार व्यक्त किए। स्वर्गीय राजीव दीक्षित जी का जन्म 30 नवम्बर 1967 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था तथा उनका स्वर्गवास 30 नवम्बर 2010 में छत्तीसगढ़ के भिलाई हुआ था।
संगोष्ठी का संचालन करते हुए आनंद कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि राजीव भाई महान क्रांतिकारी थे। उनके अंदर लाखों क्रांतिकारियों की आत्मा वास करती थी। स्वदेशी के लिए राष्ट्र को अपना सर्वस्व अर्पित करने वाले राजीव भाई आज भी करोड़ों युवाओं के दिलों के धड़कन हैं। देश में आज विभिन्न स्थानों पर राजीव भाई दीक्षित जयंती एवं बलिदान दिवस को याद करते हुए विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। मां पंचगव्य चिकित्सा एवं अनुसंधान केन्द्र के प्रभारी आर्य प्रमोद ने कहा कि राजीव भाई किसी से बिना डरे अपनी बात कहते थे। उनके द्वारा विदेशी कंपनियों के विरूद्ध चलाया गया अभियान आज भी जारी है। युवाओं को उनके आदर्शों को अपनाकर स्वदेशी एवं स्वाभिमान की रक्षा का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने विदेशी कंपनियों द्वारा चलाए जा रहे षड्यंत्रों पर भी प्रकाश डाला और इस षड्यंत्र से बचने की अपील की। पंचगव्य चिकित्सक डॉ. डिलेश्वर साहू ने कहा कि राजीव भाई को जो भी सुनता है, उसके मन में देश के लिए कुछ कर गुजरने की भावना आ जाती है। देश ने एक महान और क्रांतिकारी को खोया है, लेकिन उनके विचार आज भी हमारे मन में जिंदा हैं। उन्होंने पंचगव्य चिकित्सा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। गुरूकृपा गौशाला के प्रभारी हार्दिक कोटक ने बताया कि उन्होंने राजीव भाई के विचारों को सुनकर गौ सेवा के प्रति प्रेरणा मिली। उन्होंने स्वदेशी वस्तुओं को अपने जीवन में अपनाते हुए गौ एवं स्वदेशी वस्तुओं का उत्पादन कर रहे है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्था द्वारा नागरिकों को विदेशी वस्तुओं के बदले स्वदेशी वस्तुओं का विकल्प उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। प्रज्ञानंद मौर्य ने बताया कि राजीव भाई दीक्षित को अपना आदर्श मानते हुए जैविक खेती कर रहे हैं। उनका उद्देश्य समाज को रसायनमुक्त जैविक आहार उपलब्ध कराना है। रासायनिक कीटनाशी के उपयोग से मिट्टी की संरचना पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही विभिन्न प्रकार की जानलेवा बीमारी आज घर-घर में पहुंच गयी है। श्री मौर्य ने कहा कि स्वस्थ्य नागरिक से ही स्वस्थ्य देश का निर्माण हो सकता है। श्री कृष्णा राव ने भारतीय संस्कृति में योग के महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि योग के द्वारा मनुष्य स्वस्थ्य रह सकता है। सभी नागरिकों को नियमित योगाभ्यास करना चाहिए। इस अवसर पर सर्वश्री गोपाल जी मौर्य, राहुल यादव, नरेन्द्र, किशोर साहू, राकेश सोनी, डैनीराम वर्मा, पुरूषोत्तम देवांगन, धर्मेन्द्र साहू, नावेशचन्द्र सहित अन्य स्वदेशी प्रेमीबंधु उपस्थित थे।
स्वदेशी प्रचार रथ का हुआ शुभारंभ – स्वदेशी चिंतन संगोष्ठी के अवसर पर स्वदेशी प्रचार रथ (ई-रिक्शा) का शुभारंभ किया जाएगा। स्वदेशी प्रचार रथ के माध्यम से स्वदेशी एवं गौ उत्पादों का नियमित प्रचार-प्रसार राजनांदगांव शहर में किया जाएगा। साथ ही रथ के माध्यम से गौ सेवा, जैविक आहार के लाभ, स्वदेशी से स्वावलंबन भारत जैसे विषयों की जानकारी दी जाएगाी।

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