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फोटो:- समितियों में धान खरीदी को लेकर तैयारी करते वर्कर।

00 त्रुटिपूर्ण रिकार्ड को कलेक्ट करने में छूट रहा अफसरों को पसीना, मीडिया को जानकारी देने से कतरा रहे अधिकारी, खरीदी से पहले किसानों की समस्या बढ़ी, हर समिति में सामने आ रहे केस

एक्स रिपोर्टर न्यूज। राजनांदगांव
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू होने से पहले ही सिस्टम में बड़ी गड़बड़ी आ गई है। और ये गड़बड़ी हुई है डाटा ट्रांसफर में। दरअसल धान खरीदी के लिए बनाए गए नए सॉफ्टवेयर में आनन फानन में संशोधन किए बिना ही पिछले वर्ष का पुराना डाटा ट्रांसफर कर दिया गया। जिससे रिकार्ड में दिक्कत आ गई। अब जब किसानों की फसल तैयार हो गई है, तो सॉफ्टवेयर में शून्य रकबा दिखा रहा है। ऐसे में किसानों को टोकन लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रादेशिक स्तर पर इस गडबड़ी का पता चलते ही जिला प्रशासन स्तर पर त्रुटि सुधार की कार्रवाई तेज कर दी गई है। लेकिन त्रुटिपूर्ण रिकार्ड को कलेक्ट करने में अफसरों को पसीना छूट रहा है। क्योंकि पंजीकृत किसानों की सूची जारी हो गई है। प्रत्येक समिति में ऐसे केसेस सामने आ रहे है। चूंकि मामला गंभीर है, इसलिए अफसर भी तथ्यपूर्ण जानकारी देने से कतरा रहे है। फिर भी अधिकारियों के दबे स्वर से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक अब तक जिले में 1300 से अधिक मामले सामने आ चुके है। जिनमें किसानों का रकबा शून्य बता रहा है।

समितियों को नहीं दिया रिकार्ड डिलीट का आप्शन
जानकारी अनुसार बीते वर्षों तक पंजीकृत किसान के संबंध में रिकार्ड डिलीट की कार्रवाई समिति स्तर पर होती रही है। जिससे इस तरह की गड़बड़ी कम ही होती थी। लेकिन अब समितियों को रिकार्ड डिलीट की कार्रवाई करने की अनुमति नहीं है। ऐसे में जिन किसानों की मृत्यु हो चुकी है या फिर जिन किसानों ने पूरी जमीन का बंटवारा या विक्रय कर दिया है। उनका रिकार्ड डिलीट नहीं हो पाया।

तहसील कार्यालय तक लगानी पड़ रही दौड़
जिन किसानों का रिकार्ड शून्य दिखा रहा है, उन किसानों को रिकार्ड सुधरवाने के लिए तहसील कार्यालय तक दौड़ लगानी पड़ रही है। ऐसे में किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अभी तक ज्यादातर किसानों ने समितियों में चस्पा सूची से रिकार्ड मिलान नहीं किया गया है, ऐसे में उन्हें खरीदी शुरू होने के बाद रिकार्ड सुधरवाने के लिए मशक्कत करनी पड़ सकती है।

ऑपरेटर्स को अभी तक नहीं दिया गया प्रशिक्षण
समिति प्रभारियों की माने तो हर वर्ष धान खरीदी के लिए नया सॉफ्टवेयर बनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष खरीदी से पहले समिति के आपरेटर्स को सॉफ्टवेयर संचालन के संबंध में ट्रेनिंग दी जाती है। लेकिन इस वर्ष अभी तक ट्रेनिंग नहीं दी गई है, न ही खरीदी के संबंध में जरुरी जानकारियां प्रदान की गई है। ऐसे में खरीदी के दौरान किसी भी तरह की परेशानी आ सकती है।

2 लाख से ज्यादा किसानों ने कराया पंजीयन
गौरतलब है कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 1 दिसम्बर से प्रारंभ होगी। इस वर्ष 145 धान खरीदी केन्द्रों में लगभग 80 लाख क्विंटल धान की खरीदी की संभावना है। पिछले वर्ष 1 लाख 96 हजार किसानों ने अपने धान का विक्रय किया था। इस वर्ष 2 लाख 12 हजार 615 किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष किसानों की संख्या और धान की मात्रा में बढ़ोत्तरी हुई है।
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By Karnkant Shrivastava

B.J.M.C. Chief Editor Mo. No. 9752886730

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