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एक्सपर्ट नॉलेज: कुछ महत्वपूर्ण कानूनी जानकारीयां जो आपके लिए जानना जरुरी है…

दो शब्द संपादक की ओर से

स्वतंत्रता के 7 दशक से अधिक बीत जाने के बाद भारत का नागरिक दिनोंदिन जागरूक होता गया है, और होता जा रहा है। इस जागरूकता की एक वजह प्रेस और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया है, तो अन्य कारण शिक्षा का बढ़ावा भी है। अब वह जमाना नहीं रहा कि किसी के पास पत्र आए तो वह उसे पढ़ाने के लिए गांव मोहल्ले बस्ती में किसी पढ़े-लिखे व्यक्ति की खोज करता फिरे। आज शिक्षा का स्तर काफी बढ़ चुका है। राष्ट्र नेता शत-प्रतिशत साक्षरता का उद्देश्य लेकर योजनाएं बना रहे हैं और उस पर अमल हो रहा है। जाहिर है, समाज और राष्ट्र का शैक्षिक स्तर ऊंचा उठ रहा है तो लोगों में जागरूकता भी बढ़ रही है। आज लोग कर्तव्य के साथ अधिकार भी जानने लगे हैं और खुलकर उसकी बातें भी कर रहे हैं। मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने में उत्साह दिखा रहा है, तो उस बात की आशा भी करता है कि उसके द्वारा चुने हुए पार्षद विधायक सांसद या गांव का पंच सरपंच मुखिया उसके क्षेत्र के लिए विकास का कार्य भी करें।

आज लोगों को सूचना का अधिकार अधिनियम जैसा एक सशक्त माध्यम मिला हुआ है, जिसके बल पर किसी भी कार्यालय की कार्य प्रगति की लिखित जानकारी पाई जा सकती है।

लोगों की बढ़ती जागरुकता को दृष्टिगत रखते हुए, दैनिक जीवन में उपयोग आने वाले कानूनी अधिकारों का एक नवीन संस्करण “दैनिक जीवन में उपयोगी कानूनी जानकारियां” आप सभी सुधि पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है, इसमें दैनिक जीवन के आवश्यक कानूनों की जानकारी दी गई है पुस्तक की जानकारियां न सिर्फ आपकी जागरुकता बढ़ाएगी बल्कि कानून से खिलवाड़ कर नाजायज धन वसूलने वालो पर अंकुश लगाने का कार्य भी करेगी। यह तब होगा जब आप कानूनी विषयों के जानकार होंगे। इस बात को बेहतर ढंग से जानेंगे कि आपको क्या करना है तथा दूसरे जो कुछ कर रहे हैं वह कानूनी रुप से कितना गलत है। जो गलत कर रहे हैं उन्हें कानून का पाठ पढ़ा कर आप आईना दिखा सकेंगे कि नियमानुसार कार्य करना उनका दायित्व है।

यह नवीन संस्करण आपका ज्ञान वर्धन करते हुए आपकी कानूनी समझ में वृद्धि करेगी ऐसा पूर्ण विश्वास है।

इस नवीन संस्करण के समस्त लेख आम आदमी के दैनिक उपयोग में आने वाली कानूनी जानकारियों और कानूनी अधिकार से परिचित कराने की उद्देश्य से आमजन के लिए प्रस्तुत किए जा रहे है, इसलिए इसका उद्देश्य किसी को कानूनविद बनाना नहीं है, बल्कि दैनिक जीवन के उपयोगी कानूनी जानकारियों से अवगत कराना है। इन लेखों में यथा संभव सावधानी रखी गई है, किंतु बावजूद इसके कहीं कोई त्रुटि रह जाती है तो ध्यान दिलाए जाने पर सुधार कर दिया जाएगा आप सभी के सुझाव आमंत्रित हैं।

देश के प्रत्येक नागरिक को कानूनी रुप से अनेक अधिकार दिए गए हैं, जिनकी जानकारी होना आवश्यक है। ऐसी ही कुछ महत्वपूर्ण कानूनी जानकारीयां आपके लिए प्रस्तुत है।

1. किसी भी व्यक्ति को बेड़ी और हथकड़ी में तब तक नहीं रखा जा सकता जब तक अदालत द्वारा पुलिस को इस बात का लिखित अधिकार ना दिया गया हो।

2. जो भी पुलिस अधिकारी आपको गिरफ्तार कर रहा है, उनकी नाम पट्टीका स्पष्ट रुप से लगी होनी चाहिए। जिसमें उसका नाम पढ़ा जा सके यानी, उसकी पहचान गिरफ्तार हो रहे व्यक्ति को होनी चाहिए।

3. गिरफ्तार किए जा रहे है व्यक्ति को गिरफ्तार करते समय यह बताना आवश्यक है कि उसे किस जुर्म के कारण गिरफ्तार किया जा रहा है और यह भी की गिरफ्तार हो रहा व्यक्ति अपने बचाव में वकील कर सकता है।

4. गिरफ्तारी का प्रपत्र (गिरफ्तारी मेमो) तिथि एवं समय के साथ गिरफ्तारी के समय ही तैयार किया जाना चाहिए उसके ऊपर घर के किसी सदस्य, पड़ोसी अथवा अन्य किसी उपस्थित व्यक्ति के हस्ताक्षर होने चाहिए यह इसलिए ताकि उनकी गिरफ्तारी गुपचुप ना रह सके।

5. पुलिस के लिए अनिवार्य है कि गिरफ्तारी की सूचना उसे दे जिसे गिरफ्तार होने वाला व्यक्ति अपना शुभचिंतक और मददगार समझता हो, तथा यह भी की गिरफ्तार व्यक्ति को कहां रखा या ले जाया जा रहा है।

6. गिरफ्तार होते समय गिरफ्तार हो रहे व्यक्ति से जब्त की गई सभी वस्तुओं की एक स्पष्ट सूची बनानी चाहिए।

7. अगर कोई गरीब व्यक्ति वकील नहीं कर सकता है तो वह सरकारी खर्चे पर अपने बचाव के लिए वकील की मांग सकता है। (विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के प्रावधानों के अनुसार)

8. यही आपका वकील, आपको लगता है कि आपके लिए ठीक से मुक्त मना नहीं लड़ पा रहा है तो आप वकील बदल सकते हैं।

9. आपको पूरा अधिकार है कि अपने वकील से कोई भी बात, कोई भी सलाह गुप्त रुप से कर सकते हैं।

10. जब भी किसी के घर, दफ्तर प्रांगण आदि में तलाशी ली जाए तो ये आवश्यक है कि स्वतंत्र गवाहों या आम लोगों में से कोई दो व्यक्ति तलाशी के समय उपस्थित रहें।

11. तलाशी लेने से पहले उनका गवाहों के सामने उस पुलिस पार्टी की भी तलाशी लेनी चाहिए।

12. भारतीय कानून में नागरिक को सम्मान पूर्वक जीवन निर्वाह का अधिकार है। प्रत्येक नागरिक को बिना किसी भेदभाव के समान रूप से का कानूनी संरक्षण प्रदान किया गया है। प्रत्येक नागरिक को आजीविका कमाने का अधिकार है।

13. कानून में प्रत्येक नागरिक को न्यायालय में अपना पक्ष प्रस्तुत करने का अधिकार प्रदान किया गया

14. अपने साथ हुए जुल्म अन्याय और अधिकार समाप्ति के विरुद्ध व्यक्ति को पुलिस में एफ आई आर दर्ज करवाने का कानूनी अधिकार है

15. लोक हित से जुड़े मामलों के लिए कोई भी व्यक्ति उच्च न्यायालय अथवा उच्चतम न्यायालय में अपनी शिकायत लिखित रूप में डाक से प्रेषित कर सकता है।

16. यदि जमानती मामले में व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है तो वह जमानती अधिकार की मांग कर सकता है इसके लिए जमानत पर रिहाई का कानूनी प्रावधान है।

17. गिरफ्तार किया गया व्यक्ति न्यायिक साक्ष्य के लिए अपनी शारीरिक परीक्षा करवा सकता है।

18. प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन रक्षा का अधिकार है स्वयं का जीवन बचाने के लिए व्यक्ति हमलावर या हमलावरों के विरुद्ध संघर्ष करने का विधिक अधिकार रखता है।

19. गर्भवती स्त्री को मृत्युदंड नहीं दिया जा सकता इसके लिए दंड आदेश को स्थगित करवाने का अधिकार प्रदान किया गया है।

20. प्रत्येक व्यक्ति को f.i.r. की निशुल्क प्रति प्राप्त करने का विधिक अधिकार प्राप्त है।

21. मृत्युदंड के विरुद्ध यदि अनु ज्ञात अवधि में अपील की गई है तो मृत्यु दंड की अपील को निर अपराध होने तक स्थगित रखे जाने का प्रावधान है।

22. किसी भी व्यक्ति को एक ही अपराध के लिए दो बार दंडित नहीं किया जा सकता है यदि अपराध दोहराया ना गया हो।

23. प्रत्येक व्यक्ति को यह अधिकार है कि वह अपने गिरफ्तारी के कारणों को जान सके।

24. अभियुक्त को कारावास की सजा होने पर वह न्यायालय के निर्णय की प्रति निशुल्क प्राप्त कर सकता है।

25. पुलिस द्वारा गिरफ्तार व्यक्ति यदि चौबीस घंटों में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश नहीं किया जाता तो वह अपनी रिहाई के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट का प्रयोग कर सकता है।

पुष्कर राज बख्शी (अधिवक्ता, समाज सेवी एवं कानून विद)

बी. ई. (इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन), एम. टेक. (डिजिटल कम्युनिकेशन), एमएससी (VE & S), एलएलबी, एलएलएम(कांस्टीट्यूशनल लॉ), पीजीडी रूरल डेवलपमेंट, पीजीडी साइबर लॉ, पीजीडीसीए, सर्टिफिकेशन इन कंज्यूमर प्रोटेक्शन एंड ह्यूमन राइट्स (pursuing)

By Karnkant Shrivastava

B.J.M.C. Chief Editor Mo. No. 9752886730

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