IMG-20241026-WA0010
IMG-20241026-WA0010
previous arrow
next arrow

सड़क मरम्मत के नाम पर भ्रटाचार, ठेकेदारों की चल रही मनमानी

विकास की नहीं, विनाश की सड़क! — कवर्धा में मरम्मत बजट डकार गया सिस्टम, जनता भुगत रही दर्द

कवर्धा। जिले में विकास कार्यों की सच्चाई एक बार फिर ज़मीन पर नज़र आ रही है। तारो से रेँगाखार तक जाने वाला प्रमुख मार्ग—जो सरोधा, पलानीपाठ, केसदा, जामुनपानी, झलमला होते हुए मध्यप्रदेश की सीमा तक पहुंचता है—इस समय खस्ताहाल स्थिति में है। सड़क पर जगह-जगह गड्ढे, उखड़ा डामर और धंसे हिस्से जनता की जान के लिए खतरा बने हुए हैं।

लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा हर वर्ष “मरम्मत और रिपेयरिंग” के नाम पर लाखों रुपये खर्च करने का दावा किया जाता है, मगर वास्तविकता यह है कि सड़क पर मरम्मत के नाम पर केवल कागज़ी कार्यवाही होती है। सड़क की हालत देखकर साफ़ अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि गुणवत्ता और निरीक्षण के सभी नियमों को दरकिनार कर ठेकेदारों को मनमानी की छूट दी गई है।

वहीं, कलेक्टर कवर्धा द्वारा लगातार निर्माण कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए जाते हैं। लोक निर्माण विभाग मैनुअल तथा छत्तीसगढ़ लोक वित्त नियम 2000 के तहत प्रत्येक सार्वजनिक निर्माण कार्य की तकनीकी जांच, कार्यप्रगति रिपोर्ट और फील्ड सुपरविजन अनिवार्य है। इसके बावजूद यह सड़क बताती है कि न तो फील्ड विजिट हुई, न ही गुणवत्ता नियंत्रण की प्रक्रिया का पालन किया गया।

यह मार्ग ग्रामीणों के लिए जीवनरेखा है — लेकिन वर्तमान स्थिति में यह न केवल आवागमन में बाधा डाल रहा है, बल्कि दुर्घटनाओं को न्योता दे रहा है। स्थानीय नागरिकों ने बताया कि विभागीय उदासीनता और ठेकेदारों की मनमानी से हर साल मरम्मत का बजट खर्च होता है, मगर परिणाम शून्य रहता है।

ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस मामले में लोक निर्माण विभाग अधिनियम 1952 की धारा 15(2) और सार्वजनिक संपत्ति संरक्षण अधिनियम के तहत जिम्मेदारी तय की जाए तो कई अधिकारी और ठेकेदार जवाबदेही से नहीं बच सकते।
जिले में “गुणवत्ता नियंत्रण” की समीक्षा बैठकों के बावजूद यदि सड़कों की यह स्थिति है, तो यह सीधे तौर पर प्रशासनिक निष्क्रियता और विभागीय भ्रष्टाचार को उजागर करती है। सवाल यह है — क्या कलेक्टर के निर्देश अब विभागों के लिए महज़ औपचारिकता बन गए हैं।

स्थानीय लोगों ने शासन से मांग की है कि इस मार्ग की तत्काल तकनीकी जांच कराई जाए, दोषियों पर कार्रवाई की जाए और सड़क को स्थायी मरम्मत के तहत उच्च गुणवत्ता से पुनर्निर्मित किया जाए।

By Rupesh Mahobiya

Bureau Chief kawardha

error: Content is protected !!