एक्स रिपोर्टर न्यूज़ । राजनांदगांव
सूचना का अधिकार के तहत खुलासा होने के बाद DHS के डॉक्टर के अटैचमेंट मामले की शिकायत मेडिकल कॉलेज डीन से की गई। डीन ने अस्पताल अधीक्षक को पत्र लिखा जिस पर से अधीक्षक ने कॉन्ट्रैक्ट बेस पर अतिरिक्त डॉक्टर होने की बात स्वीकार की लेकिन अटैचमेंट को खत्म नहीं करने को लेकर ताना-बाना गढ़ दिया।
इस ताने-बाने में अटैचमेंट किए गए जूनियर डॉक्टर के जिम्मेदारियों की फेहरिस्त दे दी गई। साथ ही जूनियर डॉक्टर की उपलब्धियों का पिटारा खोल दिया। अब आप ही बताए कि यह मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की मनमानी नहीं तो और क्या है…? आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग और जिला अस्पताल डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। ऐसे में उनके डॉक्टरों को बिना वजह और नियम विरुद्ध तरीके से DME में अटैच रखना कहां तक उचित है।
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