एक्स रिपोर्टर न्यूज़ । राजनांदगांव
ग्रीष्म ऋतु के आगमन के पूर्व ही राजनांदगांव जिला एवं संस्कारधानी की जीवनदायिनी शिवनाथ नदी में जल संकट की स्थिति निर्मित हो चुकी है। यह एक गंभीर मसला है। क्योंकि शिवनाथ नदी के जल से ही पेयजल और सिंचाई की पूर्ति होती है और इस संकट से उबरने के लिए नगरीय निकाय को हर साल जलाशयों से जल खरीदना पड़ता है। यह एक वैकल्पिक व्यवस्था है। इस समस्या के लिए ठोस एवं स्थायी समाधान की आवश्यकता है। जगह-जगह एनीकट के निर्माण से नदी में अधिक मात्रा में रेत जमा हो चुकी है। वर्षों से सफाई नहीं होने के कारण रेत की परत और मोटी हो चुकी है। नतीजतन नदी की वॉटर स्टोरेज क्षमता 60 फीसदी तक घट चुकी है और लोगों को बार-बार जल संकट से जूझना पड़ रहा है। जल संकट की स्थिति से निपटने के लिए जल्द से जल्द शिवनाथ नदी का गहरीकरण करवाने की जरूरत है। गहरीकरण से न सिर्फ जल संकट से उबरा जा सकता है बल्कि घाटे में चल रहे नगरीय निकाय को राजस्व की प्राप्ति भी हो सकती है और तो और नदी से निकाले गए रेत से पीएम आवास व सरकारी प्रोजेक्ट के लिए सस्ते दाम पर रॉ मटेरियल भी उपलब्ध कराया जा सकता है। गहरीकरण आपदा प्रबंधन के लिए भी बेहतर है। बाढ़ का खतरा कम होगा। पर्यावरण संरक्षण के दिशा में उठाए गए इस कदम से जलीय जीवन के लिए अनुकुल परिस्थितियां बन सकती है। साथ ही रेत के अवैध उत्खनन पर भी लगाम लगाया जा सकता है। “एक्स रिपोर्टर” द्वारा दिए गए उक्त सुझाव पर जिला प्रशासन ने गंभीरता से विचार किया और मंगलवार को हुए टीएल बैठक में कलेक्टर ने शिवनाथ नदी गहरीकरण को लेकर निर्देश दिए।
कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखते हुए जल संरक्षण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 195 ग्रामों में भू-जल स्तर नीचे चला गया है, जिससे पानी की समस्या हो सकती है। उन्होंने कहा कि जनसामान्य में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने की जरूरत है तथा किसानों को कम पानी की आवश्यकता वाली फसल लेने के लिए प्रोत्साहित करें तथा अधिक से अधिक पौधरोपण करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ग्रीष्म ऋतु के दौरान ट्यूबवेल से पानी लेकर सिंचाई करने से भू-जल स्तर में बहुत कमी आ सकती है, इसके लिए किसानों को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए कुंआ, तालाब, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सहित वाटर स्ट्रक्चर बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शिवनाथ नदी के तटवर्ती एवं समीपवर्ती ग्रामों में ग्रीष्म ऋतु के दौरान अधिक मात्रा में धान की फसल लेने के कारण तथा अत्यधिक बोरवेल चलाने के कारण भू-जल स्तर में कमी आयी है। उन्होंने कहा कि नदी के 60 प्रतिशत पट जाने के कारण साफ-सफाई कराने की जरूरत है। शिवनाथ नदी के गहरीकरण, सफाई एवं वहां पौधरोपण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण का कार्य आगामी 10 वर्षों तक अभियान की तरह करना होगा, तभी आने वाली पीढ़ी को पानी की समस्या नहीं होगी। उन्होंने ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखते हुए शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल के संबंध में जानकारी ली तथा पेयजल की सतत आपूर्ति के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में पेयजल के लिए स्थायी कार्य करने की पहल करें, ताकि पानी की समस्या हमेशा के लिए दूर हो सके। उक्त बातें कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक में कही।
कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने धान उपार्जन केन्द्रों से धान संग्रहण केन्द्र में धान सुरक्षित रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता देते हुए यह कार्य यथाशीघ्र पूर्ण करें। उन्होंने लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा एवं निर्माण से जुड़े अन्य विभागों को गुणवत्तापूर्ण कार्य करने तथा समय पर ठेकेदार को भुगतान करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सभी विभाग अपने भौतिक एवं वित्तीय उपलब्धियों की जानकारी समय पर भेजना सुनिश्चित करें। हितग्राही मूलक योजनाओं में सभी विभागों की शत-प्रतिशत उपलब्धि होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि डीएमएफ अंतर्गत सभी विभाग जनहित से जुड़े प्रस्ताव भेजे। कलेक्टर ने दिव्यांगजनों के लिए शिविरों का आयोजन, जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर तथा राजस्व शिविर लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी विभाग गुणवत्तापूर्ण कार्य कराएं तथा संबंधित फर्म को समय पर भुगतान सुनिश्चित करें। आबंटन होने पर तत्काल भुगतान करें। उन्होंने कहा कि अप्रैल माह में साल भर के लिए योजना बनाकर लक्ष्य के अनुरूप कार्य करें। विकासखंड स्तर पर तथा फिल्ड के लिए कार्यों को विकेन्द्रित कर दें। उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारी कर्मचारी जो सेवानिवृत्त हो गये हैं, उनके प्रकरणों को संवेदनशीलतापूर्वक निराकरण करें तथा उनके देयकों का समय पर भुगतान करना सुनिश्चित करें।
जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह ने कहा कि बड़े तालाबों में जल संरक्षण अच्छे से किया जा सकता है तथा खेतों के मेड़ों पर पौधरोपण किया जाएगा। किसान ग्रीष्म ऋतु में धान की फसल नहीं ले, इसके लिए किसानों को जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 6 मार्च को प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए अधिकारी फिल्ड में भ्रमण करेंगे तथा हितग्राहियों के संबंध में जानकारी लेंगे। इसके लिए ग्रामों में मुनादी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 8 मार्च को महिला दिवस के अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाली स्वच्छता दीदी तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय, अपर कलेक्टर श्रीमती शीतल बंसल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
