कवर्धा। जिले में इन दिनों बावन पत्ती का खेल और शराब व सट्टा जमकर चल रहा है। वहीँ शराब तो नाम मात्र कार्रवाई के लिए पकड़कर खानापूर्ति की जा रही है तो ताश पत्ती और सट्टा आधुनिक युग की तरह मोबाइल से पेमेंट किये जा रहे है, अब कहीं ताश की बात करे तो लोग खुलेआम मंदिर , स्कूल सहित चौक चौराहों में खुलेआम पेन कागज पकड़कर चुर्रू जैसे खेल में दांव लगा रहे है और पेट्रोलिंग पार्टी इन्हे पकड़ने के बजाय यूँही धमाकर छोड़ दे रहे है वहीँ कहीं छोटे तबके के लोग खेलते मिल जायें तो करवाई या फिर पैसे जब्ती कर मामला रफा दफा कर दिया जाता है आज भी कवर्धा शहर में बहुत से ऐसे चौक चौराहे है जंहा ताश की पत्ती पर दांव लगाते हर रोज देखे जा रहे है, किन्तु ऐसे लोगो पर करवाई नहीं कर यूँही छोड़ दिया जाता है जो पुलिसिया कार्यवाई पर कई प्रश्नवाचक चिन्ह लग रहे है।
शातिर हुआ सटोरिया।
एक के अस्सी के खेल में लोग फसते जा रहे है और अपनी मेहनत की कमाई सट्टे के खेल में गँवा रहे है दरसल सट्टे का खेल अब पूरी तरह हाइटेक हो चूका है दरअसल अब पेन और कागज की जरुरत इस खेल के लिए नहीं लगता मोबाइल से ही नंबरो में पैसे लगाकर ऑनलाइन पेमेंट किया जा रहा है कुछ ग्रामीण क्षेत्रों के लोग सट्टा लिखते पेन कागज सहित पकडे गए है लेकिन शहर में यह खेल पूरी तरह हाइटेक हो चूका है।
शाम को सजती है महफ़िल।
कबीरधाम जिले में चौक चौराहो सहित नदी तालाब के पास शाम होते ही पैमाने छलकने लगते है और माहौल पूरी तरह मैखाने में तब्दील हो जाता है , इस राह से गुजरने वाली महिलाओं सहित आम नागरिक परेशान रहते है बताया जाता है की कुछ गणेश मंच के पीछे भी बावन पत्ती का खेल जोरो पर चलता है।
कार्यवाई को लेकर उठ रहे सवाल।
सट्टा, शराब और ताश का खेल जमकर चल रहा है कुछ पकडे गए तो कुछ भाग निकले और कहीं सेटिंग को लेकर भी मामला रफा दफा करने को लेकर चर्चाएं होती रहती है। बताया जाता है की फिल्म बिहारी बाबू की तरह जिले में सेटिंग का खेल चल रहा है दरअसल इस फिल्म में साहब ने बिहारी बाबू को एक रॉयल इनफिल्ड(गाड़ी) देकर जिले की कमान देदी थी ऐसा दर्शाया भी गया है। वर्तमान समय में सट्टा शराब और बावन पत्ती का खेल जम कर चल रहा है।

Bureau Chief kawardha