लाला कर्णकान्त श्रीवास्तव
एक्स रिपोर्टर न्यूज़ । राजनांदगांव
लंबे समय बाद आखिरकार पूर्व लोकेशन ऑफिसर अमित मिश्रा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई। लेकिन पुलिस की यह कार्रवाई, दंडात्मक कम जीवन दायिनी ज्यादा लग रही है। शराब दुकान सुपरवाइजर द्वारा बीते मई में की गई मुख्य शिकायत से उलट अमित मिश्रा के खिलाफ सिर्फ जाति सूचक गाली गलौज की धारा के तहत एक्शन लिया गया है। जबकि अमित मिश्रा के खिलाफ शराब विक्रय में भ्रष्टाचार, वसूली, ओवर रेटिंग और अवैध कारोबार जैसे संगीन आरोप लगाए गए थे।
साथ ही आबकारी विभाग की महिला अधिकारियों ने भी मिश्रा पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। इन सब गंभीर आरोपों के होते हुए मिश्रा के खिलाफ सिर्फ गाली गलौज की धारा के तहत कार्रवाई करना पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठा रहा है। लगता है इस बार भी मिश्रा को बचने का भरपूर मौका मिल चुका है।
बता दें कि आबकारी विभाग के प्लेसमेंट कंपनी में बतौर लोकेशन ऑफिसर के रूप में सेवा दे चुके मिश्रा अपनी नियुक्ति के शुरुआती दिनों से ही गंभीर आरोपों से घिरे रहे हैं। सेल्समैन से जबरिया ओवर रेटिंग में शराब बिकवाना, कमीशन के बदले कोचिया गिरी को बढ़ावा देना जैसे मामले शामिल है।
इन मामलों को लेकर आबकारी विभाग समेत अन्य डिपार्टमेंट में कई शिकायत की गई। लेकिन कार्रवाई का नतीजा हमेशा शून्य ही रहा। आबकारी विभाग ने अपने तमाम जांच में लीपापोती कर अमित मिश्रा को दोष मुक्त करार दिया। यही वजह रही कि मिश्रा के हौसले और बुलंद हो चले। जांच अधिकारियों से ही सेटिंग कर मिश्रा हर बार बचते गया। नहीं तो जिस शख्स का शराब दुकान से हर महीने 18 लाख रुपए वसूलने का ऑडियो सोशल मीडिया में आग की तरह फैला हो वह दूसरे दिन ही पुलिस थाना की हवा खाता दिख जाता। पुलिस ने बड़ी सफाई से मामले को निपटाने का प्रयास किया है। मामले को कोर्ट में पहुंचाकर खानापूर्ति कर दी गई है। अब देखना यह होगा कि न्यायालय इस मामले में क्या सुनवाई करती है।
