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एक्स रिपोर्टर न्यूज़ । राजनांदगांव

प्लेसमेंट कंपनी के कर्मचारी अमित मिश्रा के खिलाफ शिकायतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्व लोकेशन ऑफिसर के खिलाफ इस बार राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत की गई है। इस बार शिकायतकर्ता ठेका कर्मी नहीं बल्कि आबकारी विभाग की महिला अधिकारी है। इन्होंने जो शिकायत की है वह काफी गंभीर है। आबकारी विभाग जिला राजनांदगांव में पदस्थ महिला अधिकारियों ने कहा कि अमित मिश्रा के द्वारा दुर्व्यवहार एवं अपमान जनक शब्दों का प्रयोग कर हमें कार्यालय में एवं फोन से बात कर अपमानित किया जाता था। अमित मिश्रा दुकानों में एवं बारों में निरीक्षण के लिये जाने को मना करता था। कहता था इस जिले को मैं चला रहा हूं, मुझसे पूछे बगैर आप लोगों को बार एवं दुकानों में नहीं जाना है। हम लोगों को कार्यालय में साहब के नाम से बुलाकर अपमान जनक शब्दों जैसे रे, तुम चलो, निकलो यहां से, तुम लोग कुछ काम नहीं करते हो, तुम्हारा ट्रांसफर करवा दूंगा आदि कहता था और यह भी कहता था, कि दुकान में जो हो रहा है होने दो। न तो दुकान जाने की आवश्यकता है, न ही निरीक्षण लिखने की। इस प्रकार साहब का धौंस दिखाता अमित मिश्रा हमें हमारा शासकीय कार्य करने से रोकता था व हमसे इस प्रकार व्यवहार करता था, जैसे कि वही हमारा अधिकारी है। जहां बोल रहा हूं वहां जाओ इधर-उधर दुकान में मत जाओ, इस प्रकार कड़े शब्दों से डांटकर बात करता था। अमित मिश्रा अक्सर कार्यालय आकर हमारे पहनावे पर टिप्पणी करता था, कहता था ये क्या पहन कर आ गये, उसके द्वारा कई बार हम महिला अधिकारी की गरिमा एवं सम्मान को ठेस पहुंचाया गया है। उसके व्यवहार से हमें भय होता था, वो हम सबको डरा कर रखता था। महिला अधिकारियों ने इस मामले की लिखित शिकायत पुलिस अधीक्षक और राष्ट्रीय महिला आयोग के समक्ष की है और कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। लेकिन कार्रवाई तो दूर पुलिस ने अभी तक मामले की जांच तक शुरू नहीं की है। ऐसे में राजनांदगांव पुलिस की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में आ चुकी है।

पुलिस की सुस्ती का आलम यह है कि एक व्यक्ति अमित मिश्रा जो कि लंबे समय तक अधिकारियों के संरक्षण में एक विभाग को अपनी बपौती बनाकर चलाता रहा था, उसके खिलाफ एक नहीं दो नहीं, तीन-तीन शिकायत पत्र दिये जाने के बाद भी पुलिस एक पर भी विवेचना शुरू नहीं की है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ऐसे व्यक्ति को पुलिस संरक्षण दे रही है। जबकि अमित मिश्रा का आडियो कुछ माह पूर्व वायरल हुआ था, उसमे पुलिस प्रशासन को भी गाली-गलौच करते देख लेने की धमकी भी दिया था। पिछले कई सालों से अमित मिश्रा नाम का बाहरी व्यक्ति विभागीय अधिकारियों के संरक्षण में बड़ा खेल करता आ रहा था। अमित मिश्रा का प्रभाव ऐसा था कि वह आबकारी विभाग के अधीनस्थ अधिकारियों पर नियंत्रण करने लग गया था। मदिरा दुकानों पर पूरी तरह उसका कब्जा था।

City reporter@राजनांदगांव: पूर्व लोकेशन ऑफिसर के खिलाफ एक बार फिर लामबंद हुए वाइन शॉप सुपरवाइजर, एसपी को लिखी शिकायत, बोले- कुर्सी हथियाने आबकारी विभाग को बनाया अखाड़ा इसलिए महिला उप निरीक्षक को झूठे केस में फसाने अमित मिश्रा ने रची साजिश…

विभागीय अधिकारियों से दुर्व्यवहार, महिला अधिकारियों से बदसलुकी, दुकानों में कोचिया, ओवर रेट कराना, वसूली करना, दुकान के स्टॉफ को जब चाहे तब नौकरी से निकालना एवं प्रताड़ित करना ये सब उसके कारनामें है। भले ही जान-माल का नुकसान हो जाये अमित मिश्रा जन्मदिन मदिरा दुकान में मनाता था और दुकान स्टॉफ के मना करने के बावजूद दुकान के अंदर केक काटते हुए फुलझड़ी फ्यूमा जैसा ज्वलनशील पदार्थ जलाता है। इसका फोटो एवं समाचार काफी चर्चा में था। किसी में भी उसका विरोध करने की हिम्मत नहीं होती थी, क्योंकि उसका जो विरोध करता था उसे वह नौकरी से निकाल देता था। वह विभाग के लोगों को ट्रांसफर करा देने की धमकी देता था। अब जब अमित मिश्रा को विभाग ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है तो वह निम्न स्तर के पैतरों का इस्तेमाल कर विभाग एवं उनके अधिकारियों पर झूठे आरोप लगाकर विभाग को बदनाम करने की साजिश कर रहा है। बात सीधी है उसे बाहर का रास्ता दिखाने से उसकी लाखों की वसूली बंद हो गई है एवं उसके दम पर बहुत सारे लोगों का हुक्का-पानी बंद हो गया है। उसकी हरकत पर लंबे समय से सब मौन थे यह स्पष्ट प्रमाण है कि किस तरह अपने अवैध धंधे में सबको हिस्सा देकर अमित मिश्रा ने सबको मौन रखा था। आज जब अमित मिश्रा के खिलाफ शिकायतों की झड़ी लग गई है तब भी उसके पुराने साथी मौन है और उसका विरोध नहीं कर रहे है।

मदिरा दुकानों के स्टॉफ को जाति जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने और अपशब्द कहने वाले, महिलाओं की गरिमा और सम्मान को ठेस पहुंचाने वाले अमित मिश्रा के खिलाफ लिखित शिकायत देने के बावजूद न तो अब तक उसके विरुद्ध अपराध दर्ज किया गया है, न ही उसे गिरफ्तार किया गया है। दुकान के आसपास छोटे-मोटे गरीब लोगों को तो पुलिस अपना टारगेट पूरा करने के नाम पर रोज पकड़ती है, लेकिन एक माफिया जो कि दुकान के अंदर ज्वलनशील विस्फोटक पदार्थ जला कर सबकी जान को खतरे में डाल देता है उसके खिलाफ कोई कर्यवाही नहीं करती। अमित मिश्रा के खिलाफ पुलिस प्रशासन को कठोर कार्यवाही कर अपराध दर्ज कर तत्काल उसे गिरफ्तार करना चाहिये। महिलाओं के साथ न्याय हो सके एवं अमित मिश्रा को उसके अपराधिक कृत्यों की सजा मिल सके।
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