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एक्स रिपोर्टर न्यूज़ । राजनांदगांव

संजीवनी हॉस्पिटल मामले की प्रशासनिक जांच रिपोर्ट पर संशय जाहिर करते हुए पीड़ित पक्ष ने मामले की दोबारा जांच करवाने की मांग की है। इस बार जिले से नहीं बल्कि बाहरी डॉक्टर और सिविल सेवा के अधिकारियों की टीम गठित कर पुनः जांच करने की मांग पीड़ित पक्ष ने की है।
पीड़ित महिला के पति व शिकायतकर्ता रितेश संगोडे ने बताया कि बुधवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनआर नवरतन के साथ वे कलेक्टर संजय अग्रवाल से मिलने गए थे। जहां कलेक्टर ने उन्हें बताया कि प्रशासनिक जांच में संजीवनी हॉस्पिटल की गलती नजर नहीं आ रही है।

Health reporter@राजनांदगांव: संजीवनी हॉस्पिटल मामला; नोटिस के बाद हरकत में अफसरों ने दूसरे दिन ही लिया पीड़ित पक्ष का बयान, निजी अस्पताल के स्टॉफ को भी किया जा रहा लाइनअप…

ऐसे में संस्था के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जा सकता है। शिकायतकर्ता का अभिमत जानने के लिए उन्हें बुलाया गया है। इस पर से शिकायतकर्ता रितेश संगोड़े ने प्रशासनिक जांच रिपोर्ट के नेगेटिव आने पर संदेह व्यक्त किया और कहा कि बाहरी डॉक्टर और सिविल सेवा अफसर की टीम बनाकर दोबारा मामले की जांच कराई जाए।

किडनी ट्रांसप्लांट की है जरूरत
गौरतलब है कि सिजेरियन डिलीवरी के दौरान हुई गड़बड़ी से पीड़ित महिला मल्टी ऑर्गन फैलियर की समस्या से जूझ रही है। पीड़ित महिला और उसके पति ने संजीवनी हॉस्पिटल प्रबंधन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। किडनी फैलियर की वजह से हफ्ते में दो बार डायलिसिस करवाना पड़ रहा है। डॉक्टर ने किडनी ट्रांसप्लांट करवाने का सुझाव दिया है। इसके लिए पीड़ित पक्ष डोनर की तलाश में जुटा हुआ है।

शिकायतकर्ता ने जताई असहमति: सीएमएचओ

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनआर नवरतन ने बताया कि कलेक्टर के समक्ष शिकायतकर्ता को रिपोर्ट की जानकारी दी गई। पीड़ित ने जांच रिपोर्ट पर असहमति जताई है और दोबारा जांच करवाने की मांग की है।

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