राजनांदगांव। समस्त प्राणियों के कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाले भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज जी का अवतरण दिवस मंगलवार को भव्यता के साथ उल्लास पूर्वक मनाया गया।
कायस्थ समाज के महिला विंग अध्यक्ष श्रीमती सावित्री देवी श्रीवास्तव ने बताया कि यमराज की प्रार्थना पर सृष्टि के रचयिता श्री ब्रह्मा जी के 11 हजार वर्षों की कठिन तपस्या के उपरांत चैत्र शुक्ल गंगा सप्तमी के शुभ दिन ही ब्रह्मा जी की काया से मध्य प्रदेश के उज्जैन में क्षिप्रा नदी के किनारे श्री चित्रगुप्त भगवान जी प्रकट हुए और इसलिए कायस्थ समाज चैत्र शुक्ल पक्ष गंगा सप्तमी को श्री चित्रगुप्त महाराज जी के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाते हैं।
उन्होंने आगे बताया कि मंगलवार को श्री चित्रगुप्त मंदिर प्रांगण में सर्वप्रथम भगवान जी की प्रातः नित्य आरती के पश्चात विद्वान पंडित जी के करकमलों द्वारा भगवान जी का पंच द्रव्य से महाअभिषेक किया गया, पंचमेवा तथा पंच महाफल से भोग लगाकर सामूहिक पूजा अर्चना की गई तत्पश्चात उपस्थित कायस्थजनों को पुलाव प्रसादी के साथ आमपना वितरित किए गए। इस अवसर पर नगर के प्रसिद्ध महिला भजन मंडली के द्वारा श्री हनुमान चालीसा पाठ के साथ बेहतरीन भजनों की प्रस्तुति पेश की गई, इस पूरे धार्मिक अनुष्ठान के दौरान संध्याकाल में हुई महाआरती विशेष आकर्षण का केंद्र रहा, जिसमें सैकड़ों कायस्थ परिवारों नें विधि विधान के साथ पूजा – अर्चना कर छप्पन भोग महाप्रसादी ग्रहण किए।
कायस्थ समाज के अध्यक्ष ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने कायस्थ कुल के आराध्य देव के बारे में बताया कि भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज जी सृष्टि के प्रथम न्यायाधीश हैं। उन्हें न्याय का देवता माना जाता है। मनुष्यों की मृत्यु के पश्चात पृथ्वी पर उनके द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर उनके लिए स्वर्ग या नरक का निर्णय लेने का अधिकार चित्रगुप्त के पास है। अर्थात किसको स्वर्ग मिलेगा और कौन नरक में जाएगा, इस बात का निर्धारण भगवान धर्मराज श्री चित्रगुप्त जी द्वारा ही किया जाता है, कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश श्रीवास्तव नें सभी कायस्थ परिवार के प्रति अपनी कृतज्ञता जाहिर करते हुए आभार व्यक्त किया हैँ।
गुरुद्वारा चौक में राहगीरों को पिलाया गया शरबत
कायस्थ समाज के वरिष्ठ संरक्षक एवं बालाजी स्टूडियो के संचालक श्री अशोक श्रीवास्तव नें बताया कि प्रतिवर्ष प्राकट्योत्सव के दिन समाजसेवा का कार्य किया जाता हैँ। इस बार समाज के ऊर्जावान अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश श्रीवास्तव के नेतृत्व में स्थानीय गुरुद्वारा चौक में श्री बालाजी स्टूडियो के पास सभी राहगीरों को शरबत पिलाया गया। इस दौरान प्रमुख रूप से आनंद श्रीवास्तव, कर्णकान्त श्रीवास्तव और प्रतीक श्रीवास्तव समेत कायस्थ समाज के सदस्य मौजूद रहे।
अवकाश घोषित करने की मांग
मंगलवार को भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज जी के प्राकट्योत्सव के दौरान उपस्थित कायस्थजनों के द्वारा भगवान श्री चित्रगुप्त प्राकट्य दिवस पर केन्द्र व प्रदेश सरकार की ओर से अवकाश घोषित किए जाने की मांग की गई है। कायस्थ समाज के सचिव श्री राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज जी के प्राकट्य दिवस यानि चैत्र शुक्ल गंगा सप्तमी पर केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाना चाहिए, इसके लिए आगामी सामाजिक मीटिंग में चर्चा के पश्चात् औपचारिक मांगपत्र बनाकर अधिकृत कार्यालय में सौंपी जाएगी।
