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राजनांदगांव। साइबर ठग फर्जी पुलिस बन कर (आप का बच्चा *रेप केस*/*ड्रग केस*/*ठगी केस*/*ऐक्सीडेंट हो गया हैँ* ( पुलिस कब्जे में है) गिरफ्तारी से बचाने के लिए रूपयों का मांग कर कर रहें हैं ठगी।

ठगी का तरीका वारदात :-

साइबर ठगों द्वारा लोगों को ठगने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाये जाते रहें हैं। इसी क्रम में अब साइबर ठग अभिभावकों को फोन करके बताते है कि हम पुलिस वाले बोल रहें हैं आपके रिस्तेदार विशेषकर (बेटा/बेटी) को रेप केस/ड्रग सप्लाई केस/ठगी केस/ऐक्सीडेंट हो गया है जो वर्तमान में थाने में बंदी बनाये जाने की फर्जी बात करते है और अभिभावकों द्वारा बच्चे से बात कराओ कहने पर बच्चे का रोने/कहराने की फेक ऑडियों रिकार्ड सुनाते है। अभिभावक से उनके बच्चे को छोड़ने के बदले पैसे की मांग करते है और धमकाते रहते है, फोन काटने का मौका नहीं देते जिससे अभिभावन घबरा कर तत्काल सायबर ठागों को उनके बताये यू.पी.आई. आई.डी. पर रूपये ट्रांसफर कर देते हैं।

ठगी से बचने के माध्यम/क्या करें:-

 ‘‘एसे कॉल से घबराऐ नही‘‘
 फोन काल कट करके सबसे पहले रिश्तेदार या बच्चों के मोबाईल नम्बर पर सम्पर्क कर उनका सुरक्षित होना सुनिश्चित करें।
 अपने रिश्तेदार/बच्चों से विडियों कॉल कर तस्दीक कर लें।
 नजदीकी थाने से संपर्क करें।
 जल्दबाजी में कोई भी अमाउंट/राशि ट्रांसफर न करे।।

फ्राड हो जाने के बाद क्या करें:-
 नजदीकी थाने/सायबर सेल में संपर्क करें।
 1930 cyber crime helpline/cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।

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