फोटो:- शिकायतकर्ता द्वारा उपलब्ध कराए गया वीडियो का फुटेज
लाला कर्णकान्त श्रीवास्तव
एक्स रिपोर्टर न्यूज़ । राजनांदगांव
छुईखदान शासकीय अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती हुई महिला के पेट में सिजेरियन डिलीवरी के दौरान नैपकिन (कपड़ा) छोड़ने का गंभीर मामला सामने आया है। लिखित शिकायत होने के बाद डॉक्टरों की टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी है। दोनों पक्षों के बयान के साथ जरूरी दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं।
शिकायतकर्ता पवन पिता स्व. श्री संतराम जंघेल निवासी सहसपुर-साल्हेवारा, जिला खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई छ.ग. ने अपने लिखित शिकायत में बताया कि मैं मजदूरी कर अपने परिवार कार भरण-पोषण करता हूँ। गर्भवती होने से मैं अपनी पत्नी को ग्रामीण मितानिन के सहयोग से छुईखदान सरकारी अस्पताल में उपचार कराया था। वहां बोला गया कि CESAREAN DELIVERY (ऑपरेशन करके बच्चे को निकालना पड़ेगा) करना पड़ेगा और आप चाहतें हो तो साथ में नसबंदी भी करा सकते हो। तब हमने ऑपरेशन और नसबंदी के लिये सहमति दे दिया। ऑपरेशन हुआ मां और बच्चा दोनो स्वस्थ थे। फिर दिनांक 21.12.2022 को छुट्टी देकर महतारी एक्सप्रेस (102) में हमें घर भेज दिया गया।
पांच माह बाद शुरू हुई दिक्कत
प्रसव के 05 माह होने के बाद मई 2023 में मेरी पत्नी चंपा जंघेल के पेट में थोड़ा-थोड़ा दर्द होने लगा। तब हमने अपने गांव के डॉक्टर को दिखाया। इन्जेक्शन दवाई देते तो ठीक हो जाता था। इस तरह 15-20 दिन ठीक-ठाक था। मैने पत्नी चंपा जंघेल को हैदराबाद बुला लिया। क्योंकि मैं वही मजदूरी करता था। हैदराबाद में फिर पत्नी के पेट में दर्द शुरू हो गया। दर्द होने पर मैने पत्नी को जनरल एबबीबीएस डॉक्टर को दिखाया। 15-20 दिन दवाई चला। लेकिन दर्द ठीक नही हुआ। उसके बाद मैनें पत्नी के उपचार के लिये नंदनी अस्पताल, हैदराबाद के डॉक्टर को दिखाया। उन्होनें मेरी पत्नी का ईलाज शुरू किया। जांच कराया। दवाई दिया। फिर भी दर्द ठीक नही हुआ।
हैदराबाद में कराया टेस्ट, डॉक्टर ने कहा पेट में इंफेक्शन है
उसके पश्चात् सोनोग्राफी कराया। CLARITY DIAGNOSTIC में रिपोर्ट के आधार पर ईलाज शुरू किया और बताया गया कि पेट में इन्फेक्शन है। अस्पताल में भर्ती करना होगा। किंतु मेरी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से भर्ती ना कर सुबह-शाम अस्पताल में जाकर अपनी पत्नी का उपचार करा रहा था। 03 दिन तक उपचार चला। किंतु मेरी पत्नी के स्वास्थ्य में कोई सुधार नही हुआ। चिकित्सक की सलाह पर सिटी स्कैन कराया एवं रिपोर्ट लेकर डॉक्टर के पास गया तो मैडम ने हैदराबाद के ही RUSH अस्पताल में भेज दिया। अस्पताल में पेट वाले डॉक्टर के पास भेजे। डॉक्टर से मिलने पर उन्होनें रिपोर्ट देखने के बाद कहा कि समस्या बहुत हैं, बड़ी ऑत में घाव हैं। APPENDEX भी इन्फेक्टेड हैं। टीबी के लक्षण भी बता रहा है। इसके ईलाज के लिये अभी और कुछ टेस्ट करना पड़ेगा। उसके लिये मरीज को अस्पताल में भर्ती करना पड़ेगा।
वापस लौटे घर, रायपुर में कराया इलाज
पवन ने आगे बताया कि आर्थिक तंगी थी इसलिये अगले ही दिन मैं पत्नी सहित परिवार को लेकर रायपुर छ.ग. आ गया। रायपुर आकर मैनें पत्नी को उपचार के लिये श्री निवास अस्पताल गुढ़ियारी, रायपुर छ.ग. में ओ.पी.डी. में डॉक्टर गंभीर सिंह को दिखाया और हमारे पास जो पुराना रिपोर्ट था उसे भी दिखाया। मरीज की हालत बहुत खराब थी। डाँ. ने मरीज को देखा, चेक भी किया। दर्द ज्यादा था तो उन्होनें मरीज को भर्ती करने की सलाह दी। उनकी सलाह पर मैने अपनी पत्नी को अस्पताल में दिनांक- 19.07.2023 को भर्ती कराया। जहां मेरी पत्नी का ईलाज चला और कुछ ब्लड सैम्पल भी लिया। और दिनांक- 24.07.2023 को मरीज की हालत ठीक था तो छुट्टी दे दिया। छुट्टी देते समय कुछ टेस्ट लिखा गया। जिसमें सी.टी. स्कैन, सोनोग्राफी, टी.बी. की जांच इत्यादि। सभी टेस्ट कराने के बाद सभी रिपोर्ट लेकर डॉ. गंभीर सिंह को दिखाया। डॉक्टर ने रिपोर्ट देखा और मरीज को भी देखा। उन्होनें कहा कि, मरीज में प्रोब्लम है लेकिन क्या प्रोब्लम है अभी नही बता सकता, इसके लिये और कुछ टेस्ट कराना होगा। फिर टेस्ट कराया गया।
पेट में गोला होने को दी जानकारी
उस रिपोर्ट के आधार पर उसके पेट में गोला है। ये गोला ही सबको इन्फेक्टेड कर रहा है और बड़ी आँत का कुछ हिस्सा भी सड़ गया है और जहां गोला है वो अपने पीछे की ओर सड़ना शुरू कर दिया है। डॉक्टर ने ऑपरेशन की बात कही। दिनांक 29.09. 2023 को ऑपरेशन हुआ। ऑपरेशन खत्म होने के बाद डॉ. गंभीर सिंह और बाकी डॉक्टर के सामने हम सब को बताया गया कि मरीज का ऑपरेशन सही से हो गया है। अभी मरीज सही हैं। और पूछा कि मरीज का इससे पहले ऑपरेशन कहा हुआ था और किस डॉक्टर ने किया था।
महिला के पेट से निकला कपड़ा, डॉक्टर को हुई हैरानी
आपरेशन के बाद डॉक्टर ने बताया कि मरीज के पेट में एक कपड़ा निकला है। जिसे मोफ कहते है ये कपड़ा सर्जरी के समय सभी डॉक्टर उपयोग करते है। फिर नर्स को बोलकर मरीज के पेट से जो निकला था वो कपड़ा और बॉडी पार्ट हम सभी परिवार वालो को दिखाया।
लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग
पवन ने उपचार में लापरवाही कर पेट में नैपकीन छोड़कर उसकी पत्नी के जीवन को संकट में डालने वाले छुईखदान सरकारी अस्पताल के चिकित्सक डॉ. अजीत राडेकर के विरूद्ध अपराध दर्ज कर उचित कानूनी कार्रवाई करवाने की मांग की है। साथ ही मरीज को मुआवजा देने की भी मांग की गई है।
ऐसा कुछ भी नहीं हुआ आरोप निराधार है
हमसे चर्चा में डॉ. अजीत राडेकर ने कहा कि हमारे द्वारा सफल सिजेरियन डिलीवरी किया गया था। शिकायतकर्ता द्वारा लगाया गया आरोप निराधार है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है।
जांच चल रही है, प्राइवेट अस्पताल से दस्तावेज मंगाए गए है-
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनआर नवरतन ने बताया कि शिकायत पहले खैरागढ़ प्रशासन को किया गया था। वहां से शिकायत हमारे पास फॉरवर्ड किया गया है। शिकायत की जांच के लिए डॉक्टरों की टीम का गठन कर दिया गया है। जांच चल रही है। प्राइवेट अस्पताल से जरूरी दस्तावेज मांगे गए हैं।
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