लाला कर्णकान्त श्रीवास्तव
एक्स रिपोर्टर न्यूज । राजनांदगांव
सट्टा एप मामले में पूर्व सीएम और राजनांदगांव लोकसभा सीट के कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल के खिलाफ नामजद एफआईआर होने के बाद माहौल गरमा गया है। चुनाव आचार संहिता लगने के तुरंत बाद इस धमाके ने दोनों दलो कमल और पंजा को आमने-सामने कर आरोप प्रत्यारोप की लड़ाई का बेहतरीन मौका दे दिया है। वार की शुरुआत प्रेस कांफ्रेस से हो चुकी है। रविवार शाम जहां भूपेश बघेल ने प्रेस कांफ्रेंस लेकर भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। वहीं दूसरे दिन मौजूदा सांसद और राजनांदगांव लोकसभा सीट के भाजपा प्रत्याशी संतोष पांडे ने पत्रकार वार्ता में कांग्रेस की बखिया उधेड़ दी।
भूपेश बघेल ने कहा कि राजनांदगांव लोकसभा सीट में उनकी भावी जीत से भाजपा सकते में आ चुकी है। इसीलिए षड्यंत्र कर उन्हें झूठे मामले में फंसा रही है। श्री बघेल ने यह भी कहा कि भाजपा की डबल ईंजन की सरकार होते हुए भी अब तक सट्टा एप पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया जा सका है। यह एक गंभीर प्रश्न है। इधर संतोष पांडे ने जवाब देते हुए कहा कि “चोर की दाढ़ी में तिनका” कुछ यही हाल पूर्व मुख्यमंत्री बघेल का है। श्री पांडे ने आरोप लगाते हुए कहा कि सट्टा एप को संरक्षण देने में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार का बहुत बड़ा रोल रहा है। जांच एजेंसी अपना काम पूरी ईमानदारी से कर रही है। जांच और उसके बाद की जाने वाली कार्रवाई पर ऊंगली उठाना गलत है। न्याय विधान सबके लिए एक है। भेदभाव जैसी कोई बात नहीं है। श्री बघेल मनगढ़ंत आरोप लगाकर एफआईआर की बात को चुनावी एजेंडा बना रहे है।
आठ में से पांच विधानसभा सीट कांग्रेस के कब्जे में
गौरतलब है कि राजनांदगांव लोकसभा सीट में कुल आठ विधानसभा सीट है। इसमें से राजनांदगांव, कवर्धा और पंडरिया विधानसभा सीट को छोड़कर बाकी पांच मानपुर-मोहला, खुज्जी, डोंगरगांव, डोंगरगढ़ और खैरागढ़ में कांग्रेस का कब्जा है। जानकारों की माने तो इसी समीकरण की वजह से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राजनांदगांव लोकसभा का उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं भाजपा ने मौजूदा सांसद संतोष पांडे को एक बार फिर रिपीट किया है। अब आगे देखना है कि जनता किसके माथे पर विजय तिलक करती है।
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