एक्स रिपोर्टर न्यूज। राजनांदगांव
नदी किनारे प्लास्टिक रीसायकल फैक्ट्री और उसना राइस मिल लगाने के मामले में राजस्व विभाग द्वारा की गई एक पक्षीय जांच के कारण ग्रामीण और अधिक आक्रोशित हो उठे है। ग्रामीणों का आरोप है कि शिकायत के बाद राजस्व विभाग के अधिकारियों ने जांच में सिर्फ फैक्ट्री संचालक का पक्ष सुना, 10 गांव के ग्रामीणों से इस संबंध में चर्चा तक नहीं गई और फाइनल रिपोर्ट बना दी गई। इस रिपोर्ट में संचालक को क्लीन चीट दे दिया गया। जबकि मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई की जानी थी। खैर माहौल अभी ठंडा नहीं हुआ है। धोखाधड़ी कर फैक्ट्री संचालक को एनओसी दिलाए जाने के मामले को लेकर ग्रामीणों ने एक बार फिर एसडीएम और डोंगरगढ़ थाना में शिकायत दर्ज कराई है। ग्राम पंचायत कल्याणपुर के पंचों और ग्रामीणों ने लिखित शिकायत कर धोखाधड़ी करने वाले सरपंच, उप सरपंच और पंचायत सचिव के खिलाफ एफआईआर करने की मांग की है।
पंचों और ग्रामीणों ने शिकायत में बताया कि प्रस्ताव क्रमांक 6 के लिए उनसे हस्ताक्षर लेकर उसका उपयोग प्रस्ताव क्रमांक 7 (प्लास्टिक रीसायकल फैक्ट्री के लिए एनओसी देने) के लिए कर दिया गया। जबकि सभी ग्रामीण प्लास्टिक रीसायकल फैक्ट्री को एनओसी देने के खिलाफ थे। ग्रामीणों ने बताया कि नदी को दूषित होने से बचाने के लिए वे प्लास्टिक रीसायकल फैक्ट्री का विरोध कर रहे है। उनकी यह मांग जायज है। इसके बावजूद प्रशासन उनकी सुन नहीं रही है। राजनैतिक दबाव के चलते राजस्व विभाग के अफसर मामले में लीपापोती करने में लगे हुए है।
एनओसी को किया जा सकता है रद्द
जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत कल्याणपुर में जल्द ही आसपास के 10 गांव की बैठक बुलाई जानी है, जिसमें प्लास्टिक रीसायकल फैक्ट्री को एनओसी देने के संबंध में एक बार और चर्चा की जाएगी। इस दौरान फैक्ट्री की एनओसी रद्द करने को लेकर सर्वसम्मति से निर्णय लिया जा सकता है। यदि ऐसा हुआ तो फैक्ट्री के निर्माण पर ब्रेक लग जाएगा।
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