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एक्स रिपोर्टर न्यूज़ । राजनांदगांव

जिले का आबकारी अमला पूरी तरह से बेकार हो चुका है। यही वजह है कि शहर सहित जिले भर में शराब का अवैध कारोबार तेजी से पनप रहा है। हाल यह है कि आबकारी नियंत्रण कक्ष से महज 10 मीटर की दूरी पर बिना किसी डर के शराब का अवैध विक्रय किया जा रहा है। शासकीय शराब दुकानों से हर शाम बोरी भरकर शराब कोचिओ को बेची जा रही है। शासकीय रेट में खरीदने के बाद प्रति क्वार्टर शराब को 20, 30 और 50 रुपए कमीशन लेकर बेचा जा रहा है और यही कमीशन आबकारी अमले को निष्क्रिय बना रहा है।

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शहर के पुराना बस स्टैंड इलाके में दिनदहाड़े शराब बेची जा रही है जबकि पुराना बस स्टैंड में ही 10 मीटर की दूरी पर आबकारी नियंत्रण कक्ष मौजूद है। इस नियंत्रण कक्ष से कभी अधिकारी बाहर झांकते ही नहीं है। इसी तरह नंदई चौक, कुंआ चौक, इंदिरा नगर, बसंतपुर, मोतीपुर, शंकरपुर और रेवाडीह सहित रिहायशी इलाकों में सक्रिय कोचिए डिपार्टमेंट को फिक्स कमीशन देकर बड़ी आसानी से शराब का अवैध कारोबार चला रहे हैं। हाईवे से लगे अधिकांश ढाबा में भी अवैध रूप से शराब बेची जा रही है जहां एक भी बार अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की है।

महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से भी आ रही शराब

जिले में छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश निर्मित शराब की आवक तेज हो चुकी है। बाघनदी, बोरतलाब, सल्हेवारा जैसे बॉर्डर इलाकों से शराब की तस्करी की जा रही है। शराब से जुड़े मामलों में कार्रवाई करने की पहली प्राथमिकता आबकारी विभाग को ही है लेकिन यहां आबकारी अमला कार्रवाई करने के बजाए अवैध कारोबार को संरक्षित करने में लगा हुआ है। यही वजह है कि इन दिनों जिले में जहां पाए वहां शराब का अवैध विक्रय धड़ल्ले से किया जा रहा है।

शिकायत के लिए संपर्क नंबर नहीं, कॉल करने पर फोन नहीं उठाते हैं इंस्पेक्टर

शराब के अवैध विक्रय से जुड़े मामलों की शिकायत के लिए आबकारी विभाग द्वारा किसी प्रकार का शिकायत नंबर जारी नहीं किया गया है। यदि कोई कहीं से नंबर लेकर कॉल कर भी ले तो इंस्पेक्टर फोन उठाते नहीं। बीते सोमवार को ऐसा ही एक केस डोंगरगढ़ में सामने आया। यहां राजनांदगांव से पहुंची मीडिया कर्मियों की टीम ने शराब ठिकानों के संबंध में सूचना देने के लिए स्थानीय आबकारी इंस्पेक्टर को कॉल किया लेकिन उन्होंने फोन ही नहीं उठाया।

प्रतिबंध नहीं उल्टा शराब विक्रय बढ़ाने का दे रखा है फरमान

सूत्रों की माने तो आबकारी अमले को अवैध कार्यों पर प्रतिबंध लगाने के बजाय उल्टा शराब की बिक्री बढ़ाने का लक्ष्य दे दिया गया है। एक यह भी वजह है कि शहर सहित जिलेभर में शराब का अवैध कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। सीधे समझे तो शासकीय करण होने के बाद जिले में शराब दुकानों की संख्या घटी है साथ ही अधिकांश शराब दुकानों को रिहायशी इलाकों से काफी दूर कर दिया गया है। ऐसे में शराब की बिक्री पर काफी असर पड़ा है और इसे कवर करने के लिए जानबूझकर शराब के अवैध विक्रय को बढ़ावा दिया जा रहा है।

शहर का माहौल हो रहा खराब, बढ़ रहा क्राइम

जगह-जगह खुलेआम शराब का अवैध विक्रय किए जाने से और महंगे दामों पर बेचे जाने से शहर और गांव का माहौल खराब होने लगा है। दिन-ब-दिन क्राइम का ग्राफ भी बढ़ने लगा है। चाकूबाजी, छोटी चोरी के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। ऐसे में देर शाम लोगों का बाहर निकलना किसी खतरे से कम नहीं है। शराब के साथ ही जिले में सूखा नशा जैसे गांजा, नशीली गोलियों की बिक्री भी काफी बढ़ गई है। आबकारी डिपार्टमेंट की ओर से अभी तक गांजा और नशीली गोलियों के खिलाफ एक भी कार्यवाही नहीं की गई है। यह भी अपने आप में गंभीर विषय है।

वर्षों से जमे हैं अधिकारी, नहीं किया जा रहा तबादला

बता दें कि आबकारी विभाग में लंबे अरसे से अधिकारी कर्मचारी जमे हुए हैं। काफी समय से एक भी अधिकारी कर्मचारी का तबादला नहीं किया गया है। ऐसे में अधिकारियों की कार्यप्रणाली संदेह के दायरे में आ चुकी है। ज्यादातर अधिकारी ऑफिस में बैठते नहीं है। बड़े अधिकारी से मिलने का सौभाग्य तो महीने में एक या दो बार हो गया तो बहुत बड़ी बात है। फील्ड में होने का हवाला देकर अधिकारी सिर्फ आराम कर रहे है। क्योंकि अधिकारी इतनी फील्ड ड्यूटी करते तो शहर क्या जिले में कहीं भी शराब का अवैध व्यापार नहीं हो पाता।

पुलिस के पास वर्क लोड बढ़ा, दूसरे क्राइम के साथ संभाल रही आबकारी मामला

आबकारी विभाग के निष्क्रियता के कारण इन दिनों पुलिस पर अनावश्यक कार्य बोझ बढ़ चुका है। दूसरे क्राइम के साथ पुलिस आबकारी के मामलों को भी संभाल रही है। पुलिस द्वारा लगातार कार्रवाई कर शराब तस्कर और कोचिओ को गिरफ्तार किया जा रहा है। इसके बावजूद कोचिया बंदी नहीं हो पा रही है क्योंकि शासकीय शराब दुकानों से खुलेआम शराब की सप्लाई की जा रही है। चार पहिया और दोपहिया वाहनों हर रोज बोरी में भरकर शराब कोचिओ तक पहुंच रही है। आबकारी का मामला गंभीर है इसे संज्ञान में लेकर प्रशासन को सख्त रवैया अपनाने की जरूरत है तभी शराब के अवैध विक्रय पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
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कर्णकांत श्रीवास्तव
(B.J.M.C.)
सीनियर जर्नलिस्ट, फाउंडर एंड चीफ एडिटर- एक्स रिपोर्टर न्यूज़ वेबसाइट, मीडिया प्रभारी- जिला पत्रकार महासंघ राजनांदगांव एवं विशेष सदस्य- प्रेस क्लब राजनांदगांव।
मो. 9752886730

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