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एक्स रिपोर्टर न्यूज़ । राजनांदगांव/डोंगरगढ़

प्रतिबंध के बावजूद धर्मनगरी डोंगरगढ़ में शराब की नदियां बह रही है। हाल यह है कि गली मोहल्लों के अलावा सार्वजनिक स्थानों पर शराब अवैध तौर पर बेची और परोसी जा रही है। गंभीर बात तो यह है कि सब कुछ जानते हुए भी प्रशासन और पुलिस आंख में पट्टी बांधे बैठी हुई है।

 

अवैध रूप से शराब विक्रय का खुला प्रमाण सोमवार को सामने आया जब मीडिया कर्मियों की एक टीम राजनांदगांव से डोंगरगढ़ पहुंची। यहां सबसे पहले बस स्टैंड स्थित यात्री प्रतीक्षालय पर नजर पड़ी। यहां पंजाबी भोजनालय की आड़ में लोगों को शराब बेची व परोसी जा रही थी। काफी देर तक मौके पर रहकर टीम ने वीडियो और फोटो तैयार की। इस वीडियो में लोगों को भोजनालय में जाकर शराब पीकर लौटते हुए और शराब खरीद कर लाते हुए साफ देखा जा सकता है।

सूचना देने के बावजूद नहीं पहुंची पुलिस

धर्मनगरी में प्रतिबंध के बावजूद शराब विक्रय को लेकर पुलिस और आबकारी कितने मुस्तैद है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सूचना देने के बावजूद 1 घंटे तक पुलिस टीम मौके पर नहीं पहुंची। जबकि मामले की जानकारी टीआई से लेकर एसडीओपी तक को दे दी गई थी। ऐसा हो ही नहीं सकता कि शहर के बीचो बीच सार्वजनिक स्थान पर खुलेआम अवैध रूप से शराब का विक्रय किया जा रहा है और पुलिस को इस बारे में खबर ही ना हो। इस पूरे मामले ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया है।

मीडिया कर्मी मौके पर थे और अवैध कारोबारी को मिल गई सूचना

पुलिस को सूचना देने के बाद भी मीडिया कर्मी काफी देर तक यात्री प्रतिक्षालय के सामने खड़े हुए थे। पुलिस की टीम तो समय पर नहीं पहुंची लेकिन शराब के अवैध कारोबारी को फोन पर फौरी सूचना मिल गई कि राजनांदगांव से पत्रकारों की टीम आई है और पुलिस को खबर दे रही है। अब इस मामले में प्रशासनिक कार्य प्रणाली संदेह के दायरे में आ चुकी है।

एसडीओपी के पास लिखित शिकायत कर मीडिया कर्मी ने बनाया दबाव, तब की कार्रवाई

शुक्रवार को डोंगरगढ़ पहुंचते ही सर्वप्रथम मीडियाकर्मी एसडीओपी के पास पहुंचे। यहां लिखित शिकायत कर अफसर को बताया गया कि धर्म नगरी में इन दिनों शराब का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है इस पर लगाम लगाने की जरूरत है। इसके बाद पुलिस हरकत में आई और एक दो ठिकानों पर छापामार कार्रवाई कर शराब विक्रेताओं को गिरफ्तार किया। एक जगह तो मीडिया कर्मियों ने खुद खड़े रहकर पुलिस को सूचना दी और कोचिए पर कार्रवाई करवाई।

दफ्तर में बैठकर चना खा रहा आबकारी अमला

नशीले पदार्थ के मामलों से निपटने के शासन ने हर जिले में आबकारी अमला बैठा रखा है। हर महीने कर्मचारियों की तनख्वाह में करोड़ों रुपए फूंके जा रहे हैं। लेकिन मोटी वेतन लेने के बाद भी आबकारी अधिकारी और कर्मचारी एक ढेले का काम नहीं कर रहे है। सीधे कहे तो आबकारी अमला दफ्तर में बैठकर चने खा रहा है। यही वजह है कि जगह जगह शराब कोचियों की बाढ़ आ गई है। शुक्रवार को मीडिया कर्मियों ने पुलिस के अलावा डोंगरगढ़ में पदस्थ आबकारी इंस्पेक्टर को भी फोन लगाया लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया।

मौन साधना में कांग्रेसी विधायक और जनप्रतिनिधि

शराबबंदी की ताल ठोककर सत्ता में आए कांग्रेसी अब शराब के अवैध कारोबार के मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। डोंगरगढ़ विधायक से लेकर जनप्रतिनिधि इस मामले को लेकर किसी तरह की कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। इससे एक बात साफ हो जाती है कि धर्म नगरी में शराब के अवैध कारोबार में राजनीतिक संरक्षण हावी है। तभी तो प्रशासन और पुलिस भी कार्रवाई से परहेज कर रही है।
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कर्णकांत श्रीवास्तव
(B.J.M.C.)
सीनियर जर्नलिस्ट, फाउंडर एंड चीफ एडिटर- एक्स रिपोर्टर न्यूज़ वेबसाइट, मीडिया प्रभारी- जिला पत्रकार महासंघ राजनांदगांव एवं विशेष सदस्य- प्रेस क्लब राजनांदगांव।
मो. 9752886730

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